1204 ई. में निर्मित ऐतिहासिक बैजनाथ शिव मंदिर को पिछले दो सप्ताह से पालमपुर क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण नुकसान पहुंचा है। बिनवा नदी के किनारे बने मंदिर की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। मंदिर की छत और दीवारों से पानी टपक रहा है और फर्श में सीलन है, जिससे पुजारियों का अंदर बैठना मुश्किल हो रहा है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, मंदिर प्रबंधन ने वर्ष 2016 में पहली बार इस रिसाव की ओर ध्यान दिलाया था और इसे बंद करने के लिए कई बार प्रयास किए गए, लेकिन समस्या बनी रही।
बैजनाथ के एसडीएम संकल्प गौतम ने द ट्रिब्यून को बताया कि मंदिर को तत्काल कोई खतरा नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा आवश्यक मरम्मत कार्य किया जाएगा, जिसके पास मंदिर की मरम्मत और रखरखाव का पूरा नियंत्रण है।
बिनवा नदी के बाएँ तट पर स्थित यह मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ भगवान शिव को वैद्यनाथ के रूप में पूजा जाता है और माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण दो स्थानीय व्यापारी भाइयों, आहुका और मन्युका ने करवाया था। मान्यताओं के अनुसार, लंका के राजा रावण ने इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की थी।
एएसआई ने टपकती दीवार और छत की मरम्मत के लिए पहले ही कदम उठा लिए हैं और पिछले 30 वर्षों में मंदिर के रखरखाव और विकास पर लाखों रुपये खर्च किए हैं। एसडीएम बैजनाथ की अध्यक्षता वाला एक ट्रस्ट मंदिर के कामकाज का प्रबंधन करता है।