इस साल भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण व्यापक रूप से फसल नष्ट होने के बाद लाहौल और स्पीति जिले के किसान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। भारी फसल नुकसान को देखते हुए, उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार दोनों से अपने कृषि ऋण माफ करने और तत्काल वित्तीय राहत प्रदान करने का आग्रह किया है।
ब्रोकली, लेट्यूस जैसी उच्च-मूल्य वाली विदेशी सब्ज़ियों और फूलगोभी व मटर जैसी अन्य मौसमी उपज की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र को भारी बारिश और भूस्खलन के कारण लंबे समय तक सड़कें जाम रहने से भारी नुकसान हुआ। मंडियों तक पहुँच अवरुद्ध होने के कारण, किसान अपनी उपज का परिवहन नहीं कर पा रहे थे, जो उनके खेतों में ही सड़ रही थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खासकर फेसबुक पर, ट्रकों और गाड़ियों से खराब सब्जियों के ढेर फेंके जाने के चौंकाने वाले दृश्य दिखाई दे रहे थे।
लाहौल और स्पीति ज़िला परिषद के पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार रुलबा ने आर्थिक नुकसान को “अभूतपूर्व” बताया और कहा कि किसान अब असहाय हैं और अपने कृषि ऋण चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “यह सिर्फ़ वित्तीय समस्या नहीं है, बल्कि जीवनयापन का सवाल है।”
ज़िला परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष वीना देवी ने बताया कि उदयपुर उपखंड की मियार घाटी के कई किसान इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि आने वाली सर्दियों में वे अपनी बुनियादी खाद्य ज़रूरतें कैसे पूरी करेंगे। उन्होंने आगे कहा, “सब्ज़ियों की खेती उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। उनकी फ़सलों के नष्ट होने से उनकी कोई आय नहीं रही। यह एक भयावह स्थिति है।” उन्होंने ज़िला प्रशासन और स्थानीय विधायक अनुराधा राणा के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।
पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता रवि ठाकुर ने भी इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है। उन्होंने केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा से मुलाकात की और उनसे तत्काल हस्तक्षेप और संकटग्रस्त किसानों की मदद करने का अनुरोध किया।