हरियाणा के सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर में 150 नई चीनी मिलें स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसी पहल के तहत, हरियाणा के नारायणगढ़ में एक सहकारी चीनी मिल स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने करनाल सहकारी चीनी मिल के 50वें पेराई सत्र के उद्घाटन के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गन्ना किसानों के कल्याण के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही देश में सबसे ज़्यादा गन्ना खरीद मूल्य की घोषणा कर चुके हैं – अगेती किस्म के लिए 415 रुपये प्रति क्विंटल और पछेती किस्म के लिए 408 रुपये प्रति क्विंटल। मैं जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर किसानों को गन्ना बुवाई के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी वाली कटाई मशीनों सहित विशेष प्रोत्साहनों का अनुरोध करूँगा।”
समारोह की अध्यक्षता इंद्री के विधायक राम कुमार कश्यप ने की, जबकि शुगर फेडरेशन के एमडी शक्ति सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
शर्मा ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सहकारिता क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सहकारी चीनी मिल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए सीएम सैनी के नेतृत्व में हरियाणा तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है और ऑनलाइन टोकन प्रणाली से किसानों के 10-12 घंटे बच गए हैं।
शर्मा ने कहा कि गन्ना किसानों को फिर से जोड़ने के लिए पिछले साल शुरू किए गए प्रयासों से इस साल गन्ने की आवक में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “हमें इस साल करनाल चीनी मिल में 3.90 लाख क्विंटल और शाहाबाद चीनी मिल में 2 लाख क्विंटल अतिरिक्त गन्ने की आवक की उम्मीद है। दोनों मिलें लगातार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत रही हैं और किसानों के सहयोग से आगे भी बढ़ती रहेंगी।”
इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप ने पेराई सत्र के शुभारंभ पर मिलों को बधाई दी तथा बताया कि करनाल चीनी मिल सल्फर मुक्त रिफाइंड चीनी के उत्पादन में अग्रणी है तथा बिजली भी पैदा करती है।
हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक (एमडी) शक्ति सिंह ने कहा कि कोविड जैसी चुनौतियों के बावजूद, गन्ने की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रही। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को सभी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी।


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