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सीएसआईआर स्थापना दिवस: भारत के वैज्ञानिक भविष्य का प्रतीक, नवाचारों से सशक्त भारत का सपना

CSIR Foundation Day: A symbol of India's scientific future, a dream of an India empowered by innovation

साल 1942 में स्थापित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का स्थापना दिवस हर साल 26 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत के वैज्ञानिक स्वतंत्रता संग्राम और औद्योगिक विकास की प्रतीक है।

स्थापना दिवस सीएसआईआर की उपलब्धियों, नवाचारों और समाज के प्रति योगदान को याद करने का अवसर है।

सीसीएसआईआर की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई, जब भारत को स्वदेशी अनुसंधान की सख्त जरूरत थी। सर आर्कोट रामास्वामी मुदालियर की दृष्टि से शुरू हुआ यह संगठन आज 16,000 से अधिक वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के साथ विश्व की अग्रणी अनुसंधान संस्थाओं में से एक है।

कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन से लेकर पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों तक सीएसआईआर ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। इसने 20,000 से अधिक पेटेंट हासिल किए और भारत को वैश्विक नवाचार में शीर्ष 10 देशों में स्थान दिलाया।

सीएसआईआर की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, 26 सितंबर 1942 को हुई थी। उस समय भारत पर ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन था और युद्ध की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं के कारण वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता महसूस हुई।

सर शांति स्वरूप भटनागर ने इसकी नींव रखी, जिन्हें ‘भारत के अनुसंधान प्रयोगशालाओं के पिता’ कहा जाता है। शुरू में एक सलाहकार परिषद के रूप में स्थापित यह संगठन 1942 में सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत स्वायत्त निकाय बना।

इसका मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देना, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना तथा नए उद्योगों का विकास करना था।

युद्धकालीन जरूरतों जैसे वनस्पति तेल मिश्रण से ईंधन, सेना के जूतों के लिए प्लास्टिक पैकिंग, वर्दी के लिए रंगों और विटामिन की तैयारी जैसे कार्यों से सीएसआईआर ने अपनी क्षमता सिद्ध की।

सीएसआईआर के योगदान असंख्य हैं। यह रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी से लेकर महासागर विज्ञान, रसायन, दवाएं, जीनोमिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, खनन, विमानन, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक के व्यापक क्षेत्रों में कार्यरत है।

सीएसआईआर स्थापना दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करता है। इस दिन प्रयोगशालाओं में पुरस्कार वितरण, सम्मान समारोह, व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मान पत्र प्रदान किए जाते हैं।

आज के दौर में जब विकसित भारत का लक्ष्य 2047 है, सीएसआईआर जैसे संगठन स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर सतत विकास सुनिश्चित कर रहे हैं। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि विज्ञान केवल खोज नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का माध्यम है।

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