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बैंक धोखाधड़ी उजागर होने के बाद ग्राहक धनराशि निकालने में असमर्थ

Customers unable to withdraw funds after bank fraud exposed

सोलन, 2 सितंबर हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की नोहराधार शाखा के ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पांच अगस्त को करोड़ों रुपये के गबन का मामला सामने आने के बाद वे बैंक में जमा धन नहीं निकाल पा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की नोहराधार शाखा से 4.02 करोड़ रुपए का गबन करने का मामला सामने आया है। बैंक के मैनेजर ज्योति प्रकाश ने फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक के खाताधारकों से उनकी बचत के पैसे ठगने के अलावा फर्जीवाड़ा भी किया है। जिला प्रबंधक प्रियदर्शन पांडे ने संगड़ाह पुलिस में 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई थी।

कई ग्रामीणों ने आगामी 40 मेगावाट रेणुका बांध परियोजना के लिए अपनी कृषि योग्य भूमि और मकानों के अधिग्रहण के लिए मुआवजे के रूप में प्राप्त अपनी पूरी राशि जमा कर दी थी। ऐसे कई विस्थापित परिवार मकान बना रहे हैं और उन्हें पैसे की सख्त जरूरत है। घोटाले के बाद वे अपनी सावधि जमा रसीदें (एफडीआर) भुनाने में असमर्थ थे।

इंदर पाल नामक निवासी ने 46 लाख रुपए का लोन लिया था और बैंक से लोन लेने के लिए गिरवी रखी गई अपनी एफडीआर वापस पाने की प्रक्रिया में था। द ट्रिब्यून से बात करते हुए उन्होंने कहा: “लोन अकाउंट बंद करने के बावजूद मेरे अकाउंट में ऐसी प्रविष्टियां पाई गईं, जिसमें पैसे बैंक अधिकारी के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे। मैं अपनी एफडीआर पाने में असफल रहा, क्योंकि मेरा लोन अकाउंट बंद नहीं हो सका।” अब उन्हें बैंक के प्रबंध निदेशक और चेयरमैन द्वारा दिए गए इस आश्वासन पर भरोसा था कि 10 सितंबर तक सारी गलतियां ठीक कर दी जाएंगी और सभी ग्राहक अपने अकाउंट तक पहुंच सकेंगे।

सुरिंदर नामक एक ग्राहक ने बैंक में 80 लाख रुपए जमा करवाए थे, लेकिन अब उसके खाते में 1,100 रुपए ही बचे हैं। वह एक घर बनवा रहा था और ठेकेदार को 30 लाख रुपए चुकाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था।

ग्राहकों ने बताया कि उनके खातों की सीमा बदल दी गई है और उनके ऋण खाते बंद होने के बाद भी वे चालू रहे और कई लेन-देन किए गए। ग्राहकों ने शिकायत की कि उन्हें हिमपेसा मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया गया, जो सभी बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है। इससे उन्हें अपने बचत और एफडीआर खातों को ट्रैक करने में मदद मिलती और उनके खातों से गबन को रोका जा सकता था।

बैंक के करीब 9,000 ग्राहक हैं। चूंकि बांध विस्थापितों ने बैंक में बड़ी रकम जमा की थी, इसलिए बैंक अधिकारियों के एक वर्ग का अनुमान है कि गबन का पैमाना 10 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

एफआईआर दर्ज हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की नोहराधार शाखा के प्रबंधक ज्योति प्रकाश ने फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड खोलकर पैसे हड़पने के साथ ही खाताधारकों से उनकी बचत भी ठगी। जिला प्रबंधक प्रियदर्शन पांडे ने संगड़ाह पुलिस में 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई थी।

कई ग्रामीणों ने अपनी कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण के लिए मुआवजे के रूप में प्राप्त पूरी राशि जमा कर दी थी। ऐसे कई विस्थापित परिवार घर बना रहे हैं और उन्हें पैसे की सख्त जरूरत है। घोटाले के बाद वे अपनी एफडीआर को भुनाने में असमर्थ थे।

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