चंडीगढ़, 2 सितंबर। भारतीय किसान यूनियन-बीकेयू (उगराहां) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले हजारों किसानों ने पंजाब की भगवंत मान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पंजाब सरकार द्वारा कृषि नीति को लागू करने में विफल होने के कारण हजारों किसान धरने पर बैठ गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन-बीकेयू से जुड़े किसान पंजाब सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए पंजाब विधानसभा की ओर मार्च करेंगे। पंजाब विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार (2 सितंबर) से शुरू हो रहा है, जो तीन दिनों तक चलेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों ने चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में स्थित मैदान में जुटे हैं। यहां एक महापंचायत (किसान सम्मेलन) का आयोजन किया जाएगा। प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को शिविर स्थल पर ही विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी है।
किसानों की योजना के अनुसार, सभी किसान 5 सितंबर तक यहां डेरा डाल सकते हैं। इसी दौरान वह अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।
किसानों की मांगों में कृषि नीति के अलावा भूमिहीन मजदूरों और किसानों को भूमि वितरण में देरी तथा किसानों और मजदूरों का कर्ज माफी शामिल है।
इसके साथ ही संविदा कर्मचारी संघ भी किसानों की रैलियों में शामिल होंगे। ‘खेती नीति मोर्चा’ (कृषि नीति) का समर्थन करने के लिए डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट का एक गुट भी इन रैलियों में शामिल होगा।
पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने कहा, “हम रसायन मुक्त फसलों को बढ़ावा देने, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने और राज्य में दवाओं की समस्या पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं।”
बीकेयू के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, “किसान अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं को सौंपने के लिए विधानसभा की ओर मार्च करेंगे।”
इस बीच चंडीगढ़ पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने लोगों से किसानों के प्रदर्शन से जुड़े रास्ते पर नहीं जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अलावा सेक्टर 34, प्रदर्शन स्थल, कोचिंग संस्थानों के केंद्र और कुछ निजी अस्पतालों की ओर जाने वाली सड़कों पर पूरे दिन जाम का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इन रूट्स पर जाने से बचें।”