श्रीगंगानगर के साइबर पुलिस स्टेशन ने एक साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है और भारत-पाकिस्तान सीमा के पास अनूपगढ़ से दो युवकों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने कथित तौर पर अतिरिक्त सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों की पहचान का दुरुपयोग करके उन्हें धोखा दिया, और फिर उन्हें पंजाब स्थित एक माध्यम से कंबोडिया से संचालित एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क को भेज दिया।
ये गिरफ्तारियां एयरटेल के नोडल अधिकारी प्रभात द्वारा 26 अगस्त को की गई शिकायत पर शुरू की गई लगभग एक महीने की जांच के बाद हुई हैं। आरोप लगाया गया था कि सीमावर्ती ग्रामीणों के नाम पर जारी किए गए कई सिम कार्ड बाद में कंबोडिया में सक्रिय पाए गए थे।
साइबर थाना प्रभारी डीएसपी कुलदीप वालिया ने बताया कि आरोपियों की पहचान नवदीश मान और वीरेंद्र सिंह के रूप में हुई है। उन्होंने कथित तौर पर सीमावर्ती गाँव बंदा कॉलोनी स्थित एक गुरुद्वारे के लाउडस्पीकर पर यह घोषणा की कि एयरटेल मुफ़्त सिम कार्ड बाँट रहा है। इस मौके पर कुछ ग्रामीण गुरुद्वारे में इकट्ठा हुए, जहाँ संदिग्धों ने उन्हें मुफ़्त सिम कार्ड का लालच दिया।
डीएसपी ने बताया कि संदिग्धों ने एक चालाकी भरी चाल चली: उन्होंने हर आवेदक की दो तस्वीरें खींचीं। पहली तस्वीर से उन्होंने आवेदक को असली सिम कार्ड जारी कर दिया। तस्वीर साफ़ न होने का दावा करते हुए, उन्होंने दूसरी तस्वीर ली और उसी व्यक्ति के नाम से ऑनलाइन धोखाधड़ी करके एक और सिम कार्ड हासिल कर लिया। इस तरह, उन्होंने 12 पुरुषों और महिलाओं की आईडी का दुरुपयोग करके दो-दो सिम कार्ड हासिल कर लिए।
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