November 27, 2024
Haryana

दो बार विधायक रहे दहिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया

चुनाव प्रचार के चरम पर कांग्रेस को झटका देते हुए राय से दो बार विधायक रह चुके जय तीरथ दहिया ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्हें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता था।

‘हुड्डा ने मुझे धोखा दिया’ राई से पूर्व विधायक जय तीरथ दहिया पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते थे। उन्होंने हुड्डा पर विश्वासघात और अपमान का आरोप लगाया था। टिकटों की घोषणा के बाद से ही दहिया हुड्डा से नाराज चल रहे हैं। कांग्रेस ने राई विधानसभा क्षेत्र से जय भगवान अंतिल को मैदान में उतारा है।

दहिया ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को डाक से अपना इस्तीफा भेजा है। उन्होंने हुड्डा पर विश्वासघात और अपमान करने का आरोप लगाया है। दहिया टिकट घोषणा के बाद से ही हुड्डा से नाराज चल रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बार राई विधानसभा सीट से जय भगवान अंतिल को मैदान में उतारा है।

आज राई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक ने उन कांग्रेस नेताओं पर भी सवाल उठाए जिन्हें अन्य विधानसभा क्षेत्रों से टिकट दिया गया है।

दहिया ने दावा किया कि हुड्डा ने उन्हें टिकट का आश्वासन दिया था लेकिन बाद में इस पर कुछ सौदेबाजी हुई। दहिया ने आरोप लगाया कि उनका टिकट कटवाने और उन्हें अपमानित करने में पिता और पुत्र दोनों की भूमिका है। दोनों ने ही राज्य में पार्टी को खराब किया है।

पूर्व विधायक ने कहा, “मैं विधानसभा चुनाव के बाद फैसला लूंगा लेकिन उनके समर्थकों तक यह संदेश पहुंच चुका है कि मैं अब कांग्रेस में नहीं हूं।” उन्होंने आरोप लगाया कि टिकटें पैसों के आधार पर बांटी गयीं।

दहिया ने कहा कि जिस तरह से उनका अपमान किया गया, उसे वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि बरोदा विधानसभा क्षेत्र में डॉ. कपूर नरवाल के साथ भी यही हुआ था।

गौरतलब है कि दहिया 2009 और 2014 में राई विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए थे और इस बार भी उन्होंने टिकट के लिए आवेदन किया था। उनके पिता रिजाक राम दहिया भी 1972 और 1977 में यहां से दो बार जीते थे।

उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो प्रत्याशी इंद्रजीत से मात्र तीन वोटों से जीत हासिल की थी और वे तब भी चर्चा में आए थे जब उन्होंने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के खिलाफ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष में मोर्चा खोला था और तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी।

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