N1Live National बेटी बेमिसाल : हादसे ने व्हील चेयर पर पहुंचाया, हौसले के दम पर बनीं कामयाब लेखिका
National

बेटी बेमिसाल : हादसे ने व्हील चेयर पर पहुंचाया, हौसले के दम पर बनीं कामयाब लेखिका

Daughter is unmatched: Accident sent her to wheel chair, became a successful writer on the strength of courage

रांची, 17 जुलाई । 11 साल पहले हुए सड़क हादसे ने रांची की डॉक्टर दिव्या सिंह को पूरी जिंदगी के लिए व्हील चेयर पर पहुंचा दिया, लेकिन अपने अदम्य हौसले के बूते तमाम मुश्किलों और चुनौतियों से लड़कर वह न सिर्फ मरीजों को सेहत की खुशियां बांट रही हैं, बल्कि उनकी संवेदनाएं अब कविताओं में ढलकर पाठकों के बीच पहुंच रही हैं।

झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अपनी ड्यूटी के बाद फुर्सत पाते ही वह लिखने-पढ़ने में जुट जाती हैं।

डॉ. दिव्या सिंह ने मंगलवार को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात कर उन्हें हाल में प्रकाशित अपनी कविताओं की पुस्तक ‘द हमिंग सोल’ भेंट की, तो उन्होंने भी उनके हौसले की तारीफ की।

राज्यपाल ने डॉ. दिव्या से मुलाकात की तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर की है।

वह 16 दिसंबर 2013 की तारीख थी, जब मेडिकल की प्रतिभाशाली छात्रा डॉक्टर दिव्या एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल करने के बाद डीएम के कोर्स में दाखिले के लिए दिल्ली गई थीं। उनकी आंखों में करियर की ऊंची उड़ान के सपने थे, लेकिन दिल्ली हाईवे पर एक सड़क हादसे में उनका स्पाइनल कॉर्ड इस तरह डैमेज हो गया कि वे हमेशा के लिए व्हील चेयर पर पहुंच गईं। मेडिकल की भाषा में इसे ‘क्वाड्रिप्लेजिया’ कहते हैं, इसमें पीड़ित शख्स का गर्दन के नीचे के अंगों पर नियंत्रण नहीं रहता है।

उनका दिल्ली एम्स में लंबा इलाज चला और जब वह रांची लौटीं तो अपने आधे शरीर पर नियंत्रण नहीं था, लेकिन उन्होंने आंसुओं के बीच मानसिक तौर पर बेहद मजबूती के साथ अपनी जिंदगी को एक मकसद देने का फैसला कर लिया था। वह रांची के रिम्स में पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में मेडिकल अफसर के रूप में नियुक्त हुईं और बीमार बच्चों के इलाज में अपनी खुशियां तलाशीं।

जब 2021 में कोरोना संक्रमण बढ़ा था और केंद्र सरकार ने दिव्यांग डॉक्टरों को घर पर रहने की छूट दे दी, तब भी डॉ. दिव्या घर पर बैठी नहीं, बल्कि ऑनलाइन ऐप ई-संजीवनी के जरिए 4,400 से ज्यादा बच्चों के इलाज का रिकॉर्ड बनाया।

डॉ. दिव्या सिंह की पहचान अब एक कामयाब लेखिका के रूप में भी है। उन्होंने अपने संघर्षों पर पहली किताब लिखी- ‘गर्ल्स विथ विंग्स ऑन फायर’। अब उनकी कविताओं की किताब भी करीब डेढ़ माह पहले इसी प्रकाशन से आई है।

Exit mobile version