करनाल के डीसी उत्तम सिंह ने करनाल जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) अनिल कालरा के खिलाफ कथित घोर कदाचार, कर्तव्य में लापरवाही और आधिकारिक जिम्मेदारियों के प्रति घोर उपेक्षा के लिए कार्रवाई की सिफारिश की है।
डीसी ने चंडीगढ़ के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि कालरा दो दिनों (5 और 6 अक्टूबर) के लिए बिना पूर्व अनुमति के अनुपस्थित थे, जब विधानसभा चुनाव और धान की खरीद चल रही थी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिना पूर्व अनुमति के किसी भी परिस्थिति में जिला छोड़ने पर प्रतिबंध है।
डीसी ने अपने पत्र में कहा, “डीएफएससी कालरा को चुनाव के दौरान ईंधन और खाद्य संबंधी रसद के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। इसके अलावा, जिले को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि मिल मालिकों के बहिष्कार के कारण धान की खरीद में देरी हो रही थी। इसके परिणामस्वरूप मंडियों में खरीद और उठान कार्यों में और देरी हुई। कालरा 5 और 6 अक्टूबर को बिना पूर्व अनुमति के जिले से अनुपस्थित थे, जिससे उनकी निर्धारित ड्यूटी पूरी तरह से अप्राप्त थी।”
डीसी ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति से सुचारू चुनाव संचालन के लिए आवश्यक समन्वय में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई, जिसका सीधा असर चुनाव संबंधी गतिविधियों की तैयारियों पर पड़ा।
डीसी ने कहा कि जब 6 अक्टूबर को कालरा को फोन पर तुरंत जिले में लौटने के लिए कहा गया तो वह ड्यूटी से अनुपस्थित रहे।
डीसी ने कहा कि जब उनसे उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका कारण 5 अक्टूबर को भिवानी में वोट डालने के लिए जाना बताया, जिससे उनकी घोर लापरवाही उजागर हुई।
उन्होंने कहा, “इस बात पर ज़ोर देना ज़रूरी है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को स्पष्ट रूप से अपने अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए और इस अवधि के दौरान अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे नहीं हटना चाहिए। इन गंभीर उल्लंघनों के कारण उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की ज़रूरत है।”
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