इस सीजन में धान की खरीद में अनियमितताओं का एक और मामला सामने आया है। असंध अनाज मंडी में धान के परिवहन में बड़े पैमाने पर हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि करोड़ों रुपये के अनाज को फर्जी गेट पास के माध्यम से उठाया गया दिखाया गया है। उपायुक्त उत्तम सिंह ने 39.24 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) को जांच का निर्देश दिया है। उपायुक्त ने कहा, “मुझे असंध अनाज मंडी से धान के परिवहन में अनियमितताओं से संबंधित शिकायत मिली है। मैंने एडीसी को जांच करने के लिए कहा है।”
खिराजपुर गांव के विकास शर्मा ने डीसी और एसपी गंगा राम पुनिया को 73 पन्नों की शिकायत सौंपी थी। एसपी ने जांच का आदेश भी दिया। अपनी शिकायत में शर्मा ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये के धान परिवहन को ‘फर्जी’ निकास द्वार पासों के माध्यम से केवल कागजों पर दिखाया गया था, जबकि जीपीएस रिकॉर्ड में कई वाहनों की यात्राओं में शून्य दूरी और शून्य समय दर्ज किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग ने 32 मिलों को धान आवंटित किया था, जिसमें 17,15,555 बोरियों की ढुलाई दिखाई गई थी और कुल 2,217 निकास पास जारी किए गए थे। इनमें से 570 पास 112 फर्जी वाहनों से जुड़े थे। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 570 गेट पास के माध्यम से कागजी आधार पर धान की 4,41,781 बोरियां ले जाई गईं। 37.5 किलोग्राम प्रति बोरी के हिसाब से कुल धान 1,65,677 क्विंटल था।
उन्होंने यह भी बताया कि एक ही पंजीकरण संख्या वाले वाहनों के नाम पर कई गेट पास जारी किए गए थे, जबकि चालकों के नाम अलग-अलग थे। विभिन्न चालकों के नाम पर दर्ज मोबाइल नंबर एक ही था, जिससे रिकॉर्ड की प्रामाणिकता पर संदेह पैदा होता है।


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