करनाल, 10 अगस्त रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर बेरोजगारी बढ़ाने और राज्य की जरूरतों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
उन्होंने सरकार पर मनरेगा बजट में कटौती, खिलाड़ियों और किसानों के साथ दुर्व्यवहार और हजारों स्कूलों को बंद करने का भी आरोप लगाया। हुड्डा ने कांग्रेस के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान के दौरान इंद्री में सभा को संबोधित करते हुए सरकार की जनता के मुद्दों को हल करने की अनिच्छा को उजागर किया। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि दो लाख स्थायी नौकरियों और राज्य में व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों में इस सरकार ने किसी को नहीं बख्शा। चाहे किसान हों या युवा, खिलाड़ी हों या स्कूली बच्चे, सभी को इस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ा। भाजपा सरकार ने कौशल निगम के माध्यम से हरियाणा को बिना आरक्षण, बिना पेंशन, बिना योग्यता के अस्थायी नौकरियों की राजधानी बना दिया है। इसने राज्य में स्थायी सरकारी नौकरियों को खत्म कर दिया है, आज 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा के लोगों के लिए उस सरकार से जवाबदेही की मांग करना स्वाभाविक है, जिसने 10 साल तक शासन किया, लेकिन अपने वादों को पूरा करने में विफल रही।
विनेश फोगट मामले में उन्होंने पहलवान के साथ एकजुटता व्यक्त की और कहा कि वह हारी नहीं है, बल्कि यह खेल व्यवस्था ही थी जो वास्तव में विफल रही है। उन्होंने उनकी लड़ाई के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा में न तो बीएसपी और न ही आईएनएलडी को जनता का समर्थन प्राप्त है।
दीपेंद्र ने सरकार की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने मुख्यमंत्री के दरवाजे 10 साल तक बंद रखे और अब चुनाव नजदीक आने पर खोले हैं।
यह मार्च शहीद उधम सिंह चौक, मेहता मार्केट, अस्पताल चौक, मुख्य बाजार से होते हुए महर्षि वाल्मीकि चौक पर समाप्त हुआ। दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा की जनता बदलाव का मन बना चुकी है, क्योंकि पिछले 10 सालों में भाजपा सरकार ने समाज के हर वर्ग पर अत्याचार किया है।
दीपेंद्र ने कहा कि भाजपा सरकार ने हुड्डा सरकार के समय शुरू की गई अनुसूचित जाति, पिछड़े और गरीबों के कल्याण की सभी योजनाएं बंद कर दी हैं। 100 वर्ग गज के प्लॉट, पानी की टंकियां और मुफ्त पानी के कनेक्शन बंद कर दिए गए और पानी के बिल देने बंद कर दिए गए। स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी गई। अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को बंद कर दिया गया। बाबा साहेब के संविधान को कमजोर किया गया।
हुड्डा ने दोहराया कि राज्य में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार बुजुर्गों को 6,000 रुपये प्रति माह वृद्धावस्था पेंशन, हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर, कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना, 25 लाख रुपये तक का इलाज सरकारी खर्च पर, एमएसपी की गारंटी और किसानों को उच्चतम मूल्य प्रदान करेगी।