93वें वायुसेना दिवस के अवसर पर, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके जगुआर लड़ाकू विमानों को तुरंत हटाने और पायलटों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा भारत की हवाई युद्ध तत्परता बढ़ाने के लिए आधुनिक विमानों की खरीद में तेजी लाने का आग्रह किया है।
हुड्डा ने कहा कि पुराने हो चुके जगुआर विमानों ने हाल ही में हुई दुर्घटनाओं में कई बहुमूल्य जानें ली हैं। उन्होंने कहा, “अप्रैल और जुलाई में जगुआर लड़ाकू विमानों से जुड़ी दो दुर्घटनाओं में कुशल पायलटों की जान चली गई। यह न केवल सशस्त्र बलों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”
रोहतक के सांसद ने बताया कि ब्रिटेन, फ्रांस, ओमान और नाइजीरिया जैसे देशों ने जगुआर बेड़े को बहुत पहले ही सेवानिवृत्त कर दिया है, फिर भी भारत प्रमुख परिचालन भूमिकाओं के लिए उन पर निर्भर है। हुड्डा ने आगे कहा, “इन विमानों पर हमारी निरंतर निर्भरता भारतीय वायुसेना कर्मियों के जीवन और वायुसेना की परिचालन क्षमताओं, दोनों के लिए खतरा है।”
उन्होंने रक्षा व्यय में गिरावट पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “राष्ट्रीय बजट में रक्षा आवंटन का हिस्सा सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत से घटकर 1.9 प्रतिशत रह गया है – जो 1962 के बाद से सबसे कम है।”
उन्होंने सरकार से भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता देने तथा पायलटों को सुरक्षित, विश्वस्तरीय संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जो भारत के बढ़ते सामरिक कद को प्रतिबिंबित करता है।