पंचकूला, 5 फरवरी
पिंजौर के तीनों तरफ परियोजनाओं के निर्माण कार्य की धीमी गति के कारण यात्रियों, विशेष रूप से कार्यालय जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कालका-पिंजौर रेलवे ट्रैक पर आरयूबी निर्माण का काम पिछले कुछ वर्षों से कछुआ गति से चल रहा है, जबकि पिंजौर-बद्दी रेलवे ट्रैक पर बन रहे आरओबी का काम बंद पड़ा है.
पिंजौर के मुख्य बाजार से होकर गुजरने वाली संकरी सड़क की हालत ऐसी है कि बड़े वाहन एक-दूसरे को आसानी से पार नहीं कर सकते. वाहन खराब होने की स्थिति में सड़क के दोनों ओर भीषण जाम लग जाता है।
बद्दी और परवाणू में औद्योगिक क्षेत्रों की ओर जाने वाले 34 हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन एक दिन में पिंजौर से गुजरते हैं। कई बार भारी भरकम बड़े वाहनों का बाजार में संकरी सड़क पार करना मुश्किल हो जाता है।
शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता विजय बंसल ने कहा कि शहर के तीनों तरफ निर्माण कार्य की धीमी गति जाम का सबसे बड़ा कारण है.
बंसल ने कहा कि सूरजपुर-सुखोमाजरी बाईपास का निर्माण कार्य पिछले छह साल से चल रहा था।
बाईपास परियोजना का शिलान्यास 1 मई, 2017 को किया गया था। काम 12 दिसंबर, 2017 को शुरू हुआ था और परियोजना को 11 दिसंबर, 2019 तक पूरा किया जाना था।
ठेकेदार जयदीप सिंगला ने कहा कि परियोजना को इस साल अगस्त तक पूरा किया जाना था। उन्होंने कहा कि एक बार बाईपास को जनता के लिए खोल दिए जाने के बाद, वर्तमान में पिंजौर के माध्यम से चलने वाले 90 प्रतिशत भारी वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगे।
बंसल ने कहा कि पिंजौर-कालका खंड पर आरयूबी का काम पिछले तीन वर्षों के दौरान दुकानदारों द्वारा बार-बार आपत्ति जताए जाने के कारण प्रभावित हुआ है। जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा सीवरेज व पानी की लाइन को शिफ्ट नहीं किया गया था। बिजली के खंभे भी बदलने थे।