दिल्ली विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सोमवार को सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी आप के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इससे कुछ दिन पहले ही आप विधायक निलंबन अवधि पूरी होने के बाद विधानसभा में लौटे थे।
पूरे दिन सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा जारी रही, जहां भाजपा विधायकों ने रिपोर्ट में उजागर की गई महत्वपूर्ण कमियों और अनियमितताओं को लेकर पिछली आप सरकार पर हमला बोला।
28 फरवरी को विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कई गंभीर खामियों और अनियमितताओं को उजागर किया गया है।
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने फैसला सुनाया कि सदन की लोक लेखा समिति (पीएसी) सीएजी रिपोर्ट की जांच को प्राथमिकता देगी और तीन महीने के भीतर अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करेगी। गुप्ता के निर्देशों के अनुसार, विधानसभा सचिवालय तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेजेगा, जिसे एक महीने के भीतर अपना एक्शन टेकन नोट (एटीएन) प्रस्तुत करना होगा।
सदन में चर्चा के दौरान तनाव बढ़ गया जिसके बाद अध्यक्ष गुप्ता ने मार्शलों को आप विधायक अनिल झा को असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने के लिए बाहर निकालने का निर्देश दिया। झा ने यह टिप्पणी उस समय की थी जब भाजपा विधायक अशोक गोयल आप शासन में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर पिछली आप सरकार की आलोचना कर रहे थे।
चर्चा के दौरान बोलते हुए आप के वरिष्ठ नेता और विधायक गोपाल राय ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट भी मानती है कि भारत के सभी राज्य स्वास्थ्य सेवा मॉडलों में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने दिल्लीवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, देश में पहली बार मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की है।
भर्ती में कमी के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि आप सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, “इसी प्रतिबद्धता के कारण भारत के पहले मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली में स्थापित किए गए।” उन्होंने कहा कि केंद्र के हस्तक्षेप के कारण सरकार को अस्पतालों के लिए एक भी डाटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती करने में संघर्ष करना पड़ा।
विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के संबोधन के दौरान भी काफी नाटकीय माहौल देखने को मिला, जिसके बाद कार्यवाही में बाधा डालने के लिए आप विधायक जरनैल सिंह को मार्शलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद आप के सभी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दिल्ली के मंत्री आशीष सूद ने कहा कि विपक्ष के नेता, जिन्होंने कभी सीएजी रिपोर्ट को अनदेखा किया था, अब इस पर चर्चा की जरूरत पर सवाल उठा रहे हैं। सूद ने कहा, “विपक्ष का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार साफ है…इससे विपक्ष का खोखलापन झलकता है, जिसके पास अपने उजागर भ्रष्टाचार का कोई जवाब नहीं है।”
विधानसभा के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विपक्ष की नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा केवल आप और अरविंद केजरीवाल को गाली देना चाहती है और कुछ नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा से कहना चाहती हूं कि दिल्ली की जनता ने आपको गाली देने के लिए नहीं, बल्कि काम करने के लिए चुना है… जैसे ही हमने सदन में 2500 रुपये का मुद्दा उठाया, स्पीकर और भाजपा विधायक तुरंत भड़क गए, हमारे माइक बंद कर दिए और हमें बाहर निकाल दिया गया…”