केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने दिल्ली पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) को रिश्वतखोरी के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
आरोपी एएसआई थाना ज्योति नगर में तैनात था और उसने कड़कड़डूमा कोर्ट में लंबित एक संपत्ति मामले में अनुकूल सत्यापन रिपोर्ट देने के लिए 15 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। सीबीआई ने 9 नवंबर को मामला दर्ज किया और उसी दिन जाल बिछाकर एएसआई को 2.4 लाख रुपए की आंशिक रिश्वत लेते पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता ने सीबीआई को बताया कि मीत नगर स्थित उनकी संपत्ति के सत्यापन के लिए एएसआई ने धमकी दी थी कि रिश्वत नहीं दी गई तो प्रतिकूल रिपोर्ट सौंपकर मामला बिगाड़ देगा। शिकायत मिलते ही सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने त्वरित कार्रवाई की।
जांच टीम ने शिकायतकर्ता को निर्देश दिए और 9 नवंबर शाम को ऑपरेशन चलाया। एएसआई को रिश्वत की राशि स्वीकार करते हुए मौके पर धर दबोचा गया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से रिमांड पर लिया गया है। जांच अभी जारी है और एएसआई के अन्य संभावित लिंक की तलाश की जा रही है।
यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है। हम लोक सेवकों में व्याप्त रिश्वतखोरी पर सख्ती से अंकुश लगा रहे हैं। एजेंसी ने आम जनता से अपील की है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगने या भ्रष्टाचार के किसी भी मामले की सूचना तुरंत दें। शिकायतकर्ता सीबीआई के एसीबी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से आ सकते हैं या फोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
यह घटना दिल्ली पुलिस के लिए बड़ा झटका है, जहां पहले भी कई अधिकारी रिश्वत मामलों में फंसे हैं।


Leave feedback about this