दिल्ली में मानसून से पहले जलभराव की समस्या को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने रविवार दोपहर सरोजिनी नगर मार्केट, लोधी एस्टेट और एनबीसीसी द्वारा निर्मित हाउसिंग कॉम्प्लेक्स समेत कई जलभराव संभावित इलाकों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत चहल भी मौजूद थे।
मनोहर लाल ने इलाके में मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्यों की प्रगति और लोगों को होने वाली असुविधाओं के बारे में जानकारी ली। खास तौर पर यह जानने की कोशिश की कि सरोजिनी नगर मार्केट में निर्माणाधीन इमारतों के कारण यातायात और जल निकासी में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही।
लोधी एस्टेट में अक्सर जलभराव की शिकायतें आती रही हैं। मंत्री ने आज वहां के सीवेज पंप स्टेशन का निरीक्षण किया और पंपों की कार्यक्षमता की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून से पहले सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाएं ताकि नागरिकों को परेशानी न हो।
उन्होंने मीडिया से कहा, “हमने सरोजिनी नगर में फ्लैट्स और शोरूम समेत आस-पास के मार्केट एरिया का निरीक्षण किया। जलभराव की समस्या गंभीर चिंता का विषय बन गई है। जनता की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित करें।”
दरअसल, बीते दिनों सरकारी दफ्तरों के इर्द-गिर्द जलभराव की समस्याओं को लेकर भी कई शिकायतें मिली थीं, जिसके मद्देनजर केंद्रीय मंत्री ने यहां का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राजधानी में नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इससे पहले 13 जून को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा के मद्देनजर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। इस दौरान उन्होंने सड़कों की मरम्मत, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइटिंग और नालों की सफाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे।
मानसून से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सीएम गुप्ता ने सभी विभागों को नालों की सफाई को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त हो, ताकि बारिश के मौसम में लोगों को असुविधा न हो।