नई दिल्ली, 22 मार्च प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया। उन्हें दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल को शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
इस बीच आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी के मुताबिक यदि केजरीवाल को जेल जाना पड़ता है तो वह जेल से ही दिल्ली की सरकार चलाएंगे।
गौरतलब है कि इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब केजरीवाल की गिरफ्तारी के उपरांत आम आदमी पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पर फिलहाल कोई आरोप साबित नहीं हुआ है। ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जिनके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़े।
आतिशी का कहना है कि जेल जाने पर भी अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और आगे भी वही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
गुरुवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल को ईडी के दफ्तर ले जाया जा सकता है। ईडी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के सिलसिले में पूछताछ करने गुरुवार रात उनके घर पहुंची थी। यहां करीब 2 घंटे तक हुई पूछताछ के उपरांत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में ईडी अभी तक अरविंद केजरीवाल को नौ समन जारी कर चुकी है।
नौवें नोटिस के तहत अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होना था। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए और उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
इस मामले में केजरीवाल को पहला नोटिस बीते वर्ष 2023 में 2 नवंबर को पेश होने के लिए जारी किया गया था। इसके उपरांत गुरुवार रात ईडी के अधिकारी मुख्यमंत्री से पूछताछ करने उनके आवास पर पहुंचे। अरविंद केजरीवाल से पीएमएलए की धारा 50 के तहत पूछताछ की गई और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इस दौरान सौरभ भारद्वाज, आतिशी, दिल्ली सरकार के अन्य मंत्री, कई विधायक, पार्षद और दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल भी सीएम आवास पर पहुंचे। हालांकि, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के भीतर किसी को नहीं जाने दिया गया।