दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहदरा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर किस्मत आजमा रहे जितेंद्र सिंह शंटी का जन्म 1 अगस्त 1962 को हुआ था। भारतीय राजनीति और समाजसेवा के कार्यों में जितेंद्र सिंह शंटी एक सम्मानित नाम हैं। वह पूर्व भाजपा नेता हैं, जो अब आम आदमी पार्टी (आप) में हैं।
शंटी ने 1996 में शहीद भगत सिंह सेवा दल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य लावारिस शवों का हिंदू और सिख धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करना और अस्थियों का विसर्जन करना है। यह पहल एक श्मशान घाट पर हुई एक घटना के बाद शुरू हुई, जब शंटी ने महसूस किया कि कई लोग अपने मृतकों का उचित तरीके से अंतिम संस्कार करने में सक्षम नहीं थे। शंटी का यह कार्य आज भी समाज के गरीब और असहाय लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बना हुआ है।
साल 2008 में शंटी ने भाजपा से जुड़कर दिल्ली के झिलमिल वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, 2013 में उन्होंने भाजपा से शाहदरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते। शंटी के जीवन में कई संघर्ष आए हैं। सितंबर 2014 में उन पर गोली चलाई गई, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। इससे पहले 2007 और 2013 में भी उन पर हमले हो चुके थे।
इन हमलों के बावजूद शंटी ने अपने सामाजिक कार्यों को बंद नहीं किया और हमेशा अपनी सेवा में जुटे रहे।
कोविड-19 महामारी के दौरान, जब अधिकांश लोग अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार करने से कतराते थे, शंटी ने कई हजार शवों का अंतिम संस्कार कराया। इस दौरान, वह खुद भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे, लेकिन उन्होंने सेवा करनी नहीं छोड़ी।
शंटी ने महामारी के दौरान जरूरतमंदों को एंबुलेंस सेवा प्रदान की और रक्तदान कैंपों का आयोजन किया। उन्होंने 106 बार रक्तदान कर एक अनूठा रिकॉर्ड भी स्थापित किया है।
2021 में कोविड संकट के दौरान उनकी अनमोल सेवाओं के लिए उन्हें भारत का प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हुआ। शंटी ने यह पुरस्कार उन सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को समर्पित किया, जिन्होंने महामारी के दौरान लोगों की मदद की।
दिसंबर 2024 में जितेंद्र सिंह शंटी ने भाजपा का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) जॉइन की। अब वह शाहदरा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं और अपनी समाजसेवी छवि के साथ जनता से समर्थन की अपील कर रहे हैं।
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