नई दिल्ली, 19 जून । दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने बताया है कि दिल्ली में प्रदूषण और हीटवेव को कम करने के लिए 12 सूत्रीय ‘समर एक्शन प्लान’ तैयार है। इस समर एक्शन प्लान में वृक्षारोपण मुख्य बिंदु है।
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से सर्दियों में प्रदूषण का लेवल बढ़ता जाता है। वैसे ही अब पूरे देशभर में हीटवेव का असर गर्मियों में लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय ‘ग्रीन बेल्ट’ बढ़ाना है। दिल्ली में जबसे हमारी पार्टी की सरकार बनी है तब से हम ‘ग्रीन बेल्ट’ बढ़ाने का काम कर रहे हैं। 2013 में ग्रीन बेल्ट दिल्ली के क्षेत्रफल के हिसाब से केवल 20 प्रतिशत था। यह 2021 में बढ़कर 23.6 प्रतिशत हो गया है। उसके बाद लगातार दिल्ली में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जब पिछली बार इलेक्शन हो रहा था तब अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को 10 गारंटी दी थी। सबसे महत्वपूर्ण गांरटी दिल्ली में 2 करोड़ पौधे लगाने की थी। हमें इस बात की खुशी है कि दिल्ली में पिछले चार साल के अंदर 2.05 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। जो लक्ष्य 5 साल में पूरा होना था, वह 4 साल में ही पूरा हो गया है। यह लक्ष्य दिल्ली में काम कर रही 25 एजेंसियों के साथ मिलकर पूरा किया गया है। आगे भी इसी तरीके से वृक्षारोपण कार्यक्रम को बढ़ाया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि आज दिल्ली की ग्रीनरी पर काम कर रही सभी 25 से ज्यादा एजेंसियों के साथ बैठक की गई है। इनमें बीएसईएस, दिल्ली मेट्रो, नॉर्दर्न रेलवे, एमसीडी, वन विभाग आदि सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर एक लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य के मुताबिक अगले साल मार्च तक 64 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसमें 24.83 लाख बड़े पेड़ों के पौधे हैं। इसके अलावा 7.74 लाख पौधों का निशुल्क वितरण किया जाएगा। दिल्ली में वन विभाग, पार्क एंड गार्डन सोसाइटी, सीपीडब्ल्यूडी और डूसू की अपनी नर्सरी है, जिसमें से वन विभाग ने 4.80 लाख, पार्क एंड गार्डन सोसाइटी ने 2.50 लाख, सीपीडब्ल्यूडी ने 40 हजार और डूसू ने 4,000 पौधे तैयार कर लिए हैं।
गोपाल राय ने बताया कि वन विभाग को 20.40 लाख, डीडीए को 10.20 लाख, एमसीडी को 6.29 लाख, एनडीएमसी को 6.40 लाख, पीडब्ल्यूडी को 3.96 लाख, शिक्षा विभाग को 3.20 लाख, उच्च शिक्षा विभाग को 1.20 लाख, एनटीपीसी को 1.20 लाख, एनएएचआई को 84,000, दिल्ली जल बोर्ड को 38,000 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। वहीं, थर्ड पार्टी ऑडिट करने को भी कहा गया है, ताकि सर्वाइवल रेट पता चल सके।