September 24, 2025
National

दिल्ली हाईकोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने वाली याचिका को किया खारिज

Delhi High Court dismisses plea seeking ballot paper elections

चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बदले बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए खारिज कर दिया।

चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट में विचार किया जा चुका है।

यह याचिका उपेंद्र नाथ दलाई नाम के व्यक्ति ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि देश में होने वाले सभी चुनाव केवल बैलेट पेपर (मतपत्र) के माध्यम से कराए जाएं, न कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के जरिए।

याचिका में दावा किया गया था कि ईवीएम पर जनता का विश्वास नहीं रहा है और इससे निष्पक्ष चुनाव पर सवाल खड़े होते हैं। दलाई ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह चुनाव आयोग को निर्देश दे कि भविष्य में केवल बैलेट पेपर से ही वोटिंग कराई जाए।

हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ शब्दों में कहा कि ऐसा कोई आधार नहीं है, जिस पर कोर्ट इस याचिका को स्वीकार करे।

अदालत ने कहा, “उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए हम इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते। इसे खारिज किया जाता है।”

कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर चुका है और दिल्ली हाईकोर्ट खुद भी इसी मुद्दे पर पहले एक अन्य याचिका को खारिज कर चुका है। ऐसे में अब इस मुद्दे को दोबारा उठाने का कोई औचित्य नहीं बनता।

अदालत ने कहा कि ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर चुनाव आयोग ने समय-समय पर पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर जरूरी कदम उठाए हैं। साथ ही, वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों के जरिए भी वोटिंग प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय बनाया गया है।

गौरतलब है कि चुनावों में ईवीएम के उपयोग को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अब तक कोर्ट ने इन सभी को खारिज ही किया है।

चुनाव आयोग का भी हमेशा यही कहना रहा है कि ईवीएम एक भरोसेमंद और पारदर्शी व्यवस्था है, जिससे चुनाव प्रक्रिया तेज, निष्पक्ष और निष्कलंक बनती है।

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