नई दिल्ली , 2 अगस्त । ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी घुसने से तीन छात्रों की मौत मामले में शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर कोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने गलत तरीके से जांच करने को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता से कहा, “शुक्र है कि आपने बेसमेंट में पानी घुसने को लेकर पानी का चालान नहीं काटा। कोर्ट ने मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी है।”
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से उस एसयूवी ड्राइवर की गिरफ्तारी को लेकर जानना चाहा, जिसकी तेज रफ्तार की वजह से बारिश का पानी कोचिंग के बेसमेंट में घुस गया। पानी की तेज रफ्तार की वजह से कोचिंग के बेसमेंट का दरवाजा टूट गया। इससे पानी बेसमेंट में घुस गया और तीन छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
पुलिस ने आरोपी ड्राइवर मनोज कथूरिया को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन गुरुवार को उसे रिहा कर दिया गया। कोर्ट ने पूछा कि बिल्डिंग प्लान की मंजूरी किसने दी है, तो इस पर पुलिस ने कहा कि वे इस बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी उनके पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जैसे ही उन्हें इस संबंध में जानकारी मिल जाएगी, तो कोर्ट को बता देंगे।
पुलिस के इस जवाब पर कोर्ट ने कहा, “आप तो ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे कि आप एक आम नागरिक हैं, आप पुलिस हैं। आपको संविधान द्वारा विशेष शक्तियां प्रदान की गई हैं, इसके बावजूद अगर आप इस तरह का बयान दे रहे हैं, तो मुझे लगता है कि आपको अपनी कार्यशैली पर एक दफा आत्मचिंतन करना चाहिए। आप इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों से बात कर सकते हैं। उनसे फाइलें लेकर उन्हें जब्त कर सकते हैं, लेकिन आप लोग तो ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे कोई नौसिखिया अधिकारी हों। आपको पता होना चाहिए कि आपको क्या करना है, लेकिन हम अंत में यही कहेंगे कि आपके द्वारा दिया गया बयान दुखद है। अब तक आपको मामले की जांच के अंतिम बिंदु में पहुंच जाना चाहिए था।”
कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर ने कहा कि राजेंद्र नगर व उसके आसपास के इलाकों में बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इलाके में अवैध निर्माण और अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाएगा व एमसीडी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।