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दिल्ली की वायु गुणवत्ता अब भी ‘गंभीर’ बनी हुई है

Delhi's air quality still remains 'severe'

नई दिल्ली, 30 दिसंबर । जीआरएपी-3 लागू होने और शहर के अधिकारियों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बावजूद दिल्ली वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से जूझ रही है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शनिवार को आनंद विहार में पीएम2.5 का स्तर 476 पर और पीएम10 का 468 पर ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। सीओ घटकर 108 पर और एनओ2 152 पर रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है।

शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’; 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’; 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’; 201 और 300 के बीच ‘खराब’; 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’; और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

खराब वायु गुणवत्ता की लगातार समस्या निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ पैदा करती है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए तत्काल उपाय करना आवश्यक हो जाता है।

बवाना स्टेशन पर खतरनाक पीएम2.5 का स्तर 447 और पीएम10 का 443 दर्ज किया गया, दोनों ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं। हालाँकि सीओ का स्तर 80 पर ‘संतोषजनक’ था।

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे के टर्मिनल-3 पर पीएम2.5 का स्तर 371 और पीएम10 का 316 रहा, जो दोनों ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आते हैं।

आईटीओ पर पीएम2.5 का स्तर 425 दर्ज किया गया, जिसे ‘गंभीर’ के रूप में वर्गीकृत किया गया, जबकि पीएम10 ने 369 के साथ ‘बहुत खराब’ स्तर पर पहुंच गया। द्वारका सेक्टर-8 स्टेशन पर हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ थी। यहाँ पीएम2.5 का स्तर 449 और पीएम 10 का 418 रहा।

ओखला फेज-2 में पीएम2.5 और पीएम10 क्रमशः 373 और 319 पर बहुत खराब दर्ज किया गया।

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