पटना, 14 जून । बिहार सरकार ने चर्चित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी केके. पाठक को गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से हटाकर राजस्व भूमि सुधार विभाग का अपर मुख्य सचिव बना दिया। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष और विपक्ष शिक्षा विभाग में उनके कार्यकाल की जांच की मांग कर रहा है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि केके. पाठक के कार्यकाल में विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है।
भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि सिर्फ ट्रांसफर से काम नहीं चलेगा। उनके कार्यकाल में किए गए कार्यों की जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा देनी चाहिए। करोड़ों रुपयों का गलत इस्तेमाल किया गया है। बेंच-डेस्क की खरीद, स्कूल में बोरिंग कराने के नाम पर रुपए की हेराफेरी की गई है। वे पूरे मामले में जांच की मांग करते हैं।
भाकपा माले के विधायक रामबली सिंह ने भी आरोप लगाया है कि केके. पाठक के कार्यकाल में शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। शिक्षा विभाग में भारी लूट हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए। उनके स्थानांतरण से शिक्षक, छात्र और अभिभावक सुकून महसूस कर रहे हैं। केके. पाठक के कार्यकाल में कई अमानवीय निर्णय लिए गए। स्कूलों में बेंच-डेस्क की खरीद में भारी लूट हुई है। कई स्थानों पर शेड का भी निर्माण कराया गया है। मुख्यमंत्री अब क्यों ऐसे अधिकारी पर ‘फिदा’ हैं, वे जाने।