मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की तीन ग्राम पंचायतों के नाम बदलने का ऐलान किए जाने के बाद अब यहां के कुछ और स्थान के नाम बदलने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। यह मांग जन सामान्य के साथ साधु संतों द्वारा की गई है।
महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें बेगम बाग, अंडा गली और तोपखाना के तौर पर पहचाना जाता है। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा का कहना है कि उज्जैन भगवान शिव की नगरी है, बेगम बाग जैसे नाम प्रासंगिक नहीं है। यहां की पहचान महादेव से होनी चाहिए। महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्र को महाकाल वन या महाकाल क्षेत्र नाम दिया जाना चाहिए।
उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा है कि देवास गेट बस स्टैंड से महाकाल मंदिर तक जाने वाले मार्ग का नाम महाकाल लोक मार्ग किया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री ने जिन तीन ग्राम पंचायतों के नाम बदले हैं वह स्वागतेय कदम है।
यहां के पुजारी और साधु संतों ने कहा कि बेगम बाग और अंडा गली का नाम बदलकर वैदिक या किसी वैज्ञानिक के नाम पर रखा जाना चाहिए, उनकी यह वर्षों पुरानी मांग है और इस दिशा में सरकार को सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि जिले के गजनी खेड़ी पंचायत का नाम अब चामुंडा माता गांव साथ ही जहांगीरपुर अब जगदीशपुर और मौलाना गांव अब विक्रम नगर के नाम से जाना जाएगा।