संसद में मंगलवार को पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ करने की मांग की गई। यह मांग तृणमूल कांग्रेस सांसद रीताब्रता बनर्जी ने राज्यसभा में रखी। रीताब्रता बनर्जी ने शून्यकाल के दौरान सदन में कहा कि पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ किया जाए। यह एक तरह से पश्चिम बंगाल के 10 करोड़ लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा।
तृणमूल सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की आवश्यकता है। राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भी दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से उस प्रस्ताव को स्वीकार करने का अनुरोध किया।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल सरकार लगातार पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ रखने की मांग करती आ रही है। मंगलवार को तृणमूल सांसद ने राज्यसभा में एक बार फिर से यही मांग दोहराई है।
वहीं, कई सांसद कुंभ में हुई भगदड़ के विषय पर मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा चाहते थे। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, रामजीलाल सुमन, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा तथा कुछ अन्य सांसदों ने नियम 267 के तहत सभापति को चर्चा का नोटिस दिया था। चर्चा की मांग कर रहे इन सांसदों का कहना था कि वे कुंभ मेले के दौरान हुई कथित अव्यवस्थाओं पर चर्चा चाहते हैं।
सदन का संचालन कर रहे उपसभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी गई है। नियम 267 के तहत सदन की अन्य सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर केवल संबंधित विषय पर चर्चा कराई जाती है। इस नियम के अंत में वोटिंग का भी प्रावधान है। हालांकि पहले से तय नियमों का हवाला देते हुए उपसभापति ने नियम 267 के तहत चर्चा की अनुमति से इनकार कर दिया।