वडोदरा, 6 अक्टूबर गुजरात के वडोदरा के नागरवाड़ा इलाके में दूषित पेयजल आपूर्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों निवासी स्थानीय वार्ड कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया। कुछ समय से चल रही यह समस्या उस समय चरम पर पहुंच गई, जब घरों के नलों में काला व दूषित पानी आने लगा। इसके बाद पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए पानी के टैंकर तैनात किए गए हैं। हालांकि लोगों का कहना है कि यह एक अस्थायी समाधान है।
क्षेत्र के 50 से अधिक परिवार पानी की आपूर्ति से जूझ रहे हैं। लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर देंगे।
‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित होने के बावजूद वडोदरा अभी भी स्वच्छ पेयजल जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
स्थानीय लोग दशकों पुरानी पानी की पाइपलाइन को तुरंत बदलकर नई व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, जो बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा कर सके।
माली मोहल्ला के निवासी स्नेहलभाई माली ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि, “हमें लंबे समय से गंदा, दूषित पानी मिल रहा है और अब इसमें गटर का पानी भी मिल गया है। यह तीसरा दिन है जब हमें टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है और हमें पानी भरने के लिए सिर्फ 15 मिनट दिए जा रहे हैं। टैंकर भेजने का काम हमारी पार्षद श्वेता उत्तेकर का है, लेकिन वे हमारा फोन भी नहीं उठाती हैं। हमने दूसरे पार्षद बंदिश शाह से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं हैं। पानी की पाइपलाइन पुरानी हो चुकी है और परिवारों की बढ़ती संख्या के साथ हमारी पानी की जरूरतें भी बढ़ गई हैं।”
एक अन्य निवासी ने कहा, “हमें पीने या दैनिक उपयोग के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। हमारी आजीविका प्रभावित हो रही है। पार्षद यहां नहीं आते हैं। तीन दिनों से वे केवल गड्ढे खोद रहे हैं। हमें तुरंत एक बड़ी पानी की पाइप लाइन की आवश्यकता है।”
इस साल फरवरी में, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रुत्विज जोशी ने पार्षद चंद्रकांत श्रीवास्तव के साथ वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) तक मार्च किया था। उन्होंने इस दौरान आयुक्त दिलीप कुमार राणा को एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें इस मुद्दे के समाधान के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की गई थी।
कांग्रेस की ओर से एक बयान में कहा गया है, “यह शर्मनाक है कि वार्ड नंबर 6 पिछले कई महीनों से दूषित पानी से जूझ रहा है। इसका प्रतिनिधित्व स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ. शीतल मिस्त्री करते हैं। ऐसा लगता है कि वीएमसी और निजी जल टैंकर आपूर्तिकर्ताओं के बीच मिलीभगत है, क्योंकि निवासियों को साफ पानी के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है। वहीं, नगर निकाय दूषित पानी की आपूर्ति करता है। इस मामले को तुरंत सुलझाया जाना चाहिए। अगर इस मुद्दे को नहीं सुलझाया जा सकता है, तो स्थायी समिति के अध्यक्ष को अपने मतदाताओं की सेवा करने में विफल रहने के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए।”