उत्तर भारत में इन दिनों कोहरे का असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में ठंड, घना कोहरा और भीषण प्रदूषण ने मिलकर आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लगातार ‘अति-गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और आईआईटीएम के एयर क्वालिटी स्टेशनों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है।
आनंद विहार में एक्यूआई 434 दर्ज किया गया, वहीं विवेक विहार में यह 435 तक पहुंच गया। अशोक विहार का एक्यूआई 415, चांदनी चौक का 417, रोहिणी का 421 और वजीरपुर का एक्यूआई 424 रिकॉर्ड किया गया। आर.के. पुरम में एक्यूआई 409, डीटीयू में 413 और सिरीफोर्ट में 399 दर्ज किया गया। बवाना में 373, बुराड़ी क्रॉसिंग में 387, करणी सिंह शूटिंग रेंज में 393 और सोनिया विहार में 395 एक्यूआई रहा। शादिपुर में एक्यूआई 308 और श्री अरविंदो मार्ग पर 352 दर्ज किया गया, जो अब भी बेहद खराब श्रेणी में है।
दिल्ली से सटे एनसीआर के शहरों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक्यूआई 376, लोनी में 338 और संजय नगर में 363 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा के सभी चार सक्रिय स्टेशनों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। सेक्टर-1 नोएडा में एक्यूआई 438, सेक्टर-125 में 416, सेक्टर-116 में 411 और सेक्टर-62 में 358 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार घने कोहरे की स्थिति अभी आगे भी बनी रह सकती है।
आईएमडी की 7-दिवसीय भविष्यवाणी के मुताबिक 20 से 25 दिसंबर तक अधिकतम तापमान 16 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इन सभी दिनों में घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है। तापमान में गिरावट और हवा की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषक कण वातावरण में जमा हो रहे हैं, जिससे स्मॉग की स्थिति और गंभीर हो रही है।
घने कोहरे का असर हवाई सेवाओं पर भी साफ दिख रहा है। कई उड़ानों में देरी और रद्द होने की खबरें सामने आ रही हैं, क्योंकि विजिबिलिटी काफी कम हो गई है। सड़कों पर भी सुबह और रात के समय वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हालात को देखते हुए शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन स्कूलों को फिलहाल आगे भी ऑनलाइन मोड में चलाने पर विचार कर रहा है, ताकि बच्चों को ठंड, कोहरे और प्रदूषण के जोखिम से बचाया जा सके। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, मास्क का उपयोग करें और खासकर बुजुर्ग, बच्चे व सांस के रोगी विशेष सावधानी बरतें।


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