नई दिल्ली, 23 जुलाई वनरोपण पर करोड़ों खर्च के बावजूद हरियाणा पूरे भारत में वन क्षेत्र में 31वें स्थान पर है। भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार, राज्य में 1,603 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है, जो 2019 की रिपोर्ट से सिर्फ़ 1 वर्ग किलोमीटर ज़्यादा है।
आज लोकसभा में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार, केंद्र ने वर्ष 2019-20 में हरियाणा में विभिन्न योजनाओं के तहत वनरोपण गतिविधियों के लिए 176.38 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 257.19 करोड़ रुपये हो गए। वर्ष 2021-22 में 385.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 495.72 करोड़ रुपये हो गए। वर्ष 2023-24 में राज्य में कुल 411.81 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये आंकड़े आज अंबाला के सांसद वरुण चौधरी के प्रश्न के उत्तर में प्रस्तुत किए गए।
आईएसएफआर 2023 के प्रकाशन में देरी के बारे में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), देहरादून ने 636 जिलों की जगह 751 जिलों को रिपोर्ट में शामिल किया, जिसके कारण देरी हुई।
सिंह ने कहा कि वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए मंत्रालय मुख्य रूप से राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (जीआईएम) और नगर वन योजना के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान करता है। वनीकरण गतिविधियों में प्रतिपूरक वनीकरण निधि अधिनियम, 2016 और संबंधित नियमों के अनुसार प्रतिपूरक वनीकरण (सीए) निधि का भी उपयोग किया जाता है।
वृक्षारोपण प्रयासों को अन्य केंद्रीय मंत्रालयों की योजनाओं जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय बांस मिशन और कृषि वानिकी उप-मिशन के साथ भी समन्वित किया जाता है।