महाकुंभ, 18 फरवरी। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में डिजिटल पेमेंट ने छोटे दुकानदारों और श्रद्धालुओं की राह आसान कर दी है। एक समय था जब डिजिटल पेमेंट की शुरुआत पर इसका विरोध हुआ था। विपक्षी दलों ने तर्क दिया था कि गरीब, अनपढ़ और आम आदमी इसका उपयोग कैसे करेगा। लेकिन आज महाकुंभ में इसका व्यापक असर देखा जा सकता है। यहां चाय, पकौड़ी, पूड़ी, कचौड़ी और अन्य खाद्य पदार्थ बेचने वाले सभी दुकानदार डिजिटल पेमेंट स्वीकार कर रहे हैं। हर दुकान के सामने क्यूआर कोड का स्टीकर या बोलने वाली मशीन लगी हुई दिख जाती है। जिनके पास मशीन नहीं है, वे मोबाइल नंबर से पेमेंट लेते हैं।
महाकुंभ क्षेत्र में चाय की दुकान चलाने वाली एक महिला का कहना है कि डिजिटल पेमेंट से उन्हें काफी फायदा हुआ है। सबसे बड़ा लाभ यह है कि चोरी-चकारी का कोई डर नहीं रहता क्योंकि नगद पैसे पास नहीं होते। ग्राहक आसानी से स्कैन कर भुगतान कर देते हैं, जिससे बचत भी हो रही है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहल बहुत अच्छी है।
श्रद्धालु भी इस व्यवस्था से बेहद खुश नजर आ रहे हैं। सतीश शुक्ला नामक एक श्रद्धालु ने कहा कि अब पैसे जेब में रखने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे जेब कटने का डर भी खत्म हो गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी नाश्ता किया और डिजिटल भुगतान किया, जो उन्हें बहुत सुविधाजनक लगा। एक महिला श्रद्धालु, अमन शर्मा ने कहा कि डिजिटल पेमेंट देश के विकास में सहायक सिद्ध हो रहा है और पीएम मोदी ने इसके जरिए बड़ी सुविधा दी है।
दुकानदारों को भी इससे राहत मिली है। छोले भटूरे की दुकान चलाने वाले रघुनाथ शर्मा ने कहा कि अब पैसों का हिसाब रखना आसान हो गया है। पहले ग्राहकों को खुले पैसे लौटाने की समस्या होती थी, लेकिन अब ग्राहक खुद ही डिजिटल माध्यम से भुगतान कर देते हैं। इससे कारोबार पहले से ज्यादा सुगम हो गया है।
महाकुंभ में आए एक स्कूली छात्र ने भी डिजिटल पेमेंट को बड़ी सुविधा बताया। उसने कहा कि पहले नगद पैसे रखने पड़ते थे, लेकिन अब मोबाइल से भुगतान हो जाता है, जिससे काफी सहूलियत मिलती है।
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