N1Live National दिनेश शर्मा बोले, ‘बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा’, कांग्रेस समेत कई दलों पर तंज कसा
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दिनेश शर्मा बोले, ‘बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा’, कांग्रेस समेत कई दलों पर तंज कसा

Dinesh Sharma said, 'Bangladesh is going through anarchy', took a dig at many parties including Congress

नई दिल्ली, 3 दिसंबर । भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों पर कटाक्ष किया है। उनका कहा है कि बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। देश कट्टरपंथियों के चंगुल में फंस चुका है।

भाजपा सांसद ने कहा कि बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। कट्टरपंथियों के चंगुल में चाहे वह पाकिस्तानी तालिबानी मानसिकता के लोग हों, उनके चंगुल में बांग्लादेश फंस चुका है।

बांग्लादेश ने इस्कॉन के जो शांतिप्रिय लोग थे उनके साथ जिस प्रकार से अत्याचार किया है और जो अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ में मार काट कर रहे हैं, मुझको ताज्जुब होता है कि समाजवादी पार्टी (सपा) हो, कांग्रेस हो या कोई अन्य दल हो एक भी व्यक्ति के मुंह से उनके लिए एक शब्द भी नहीं निकला है।

उन्होंने आगे कहा कि आप फिलिस्तीन, अफगानिस्तान, लेबनान और बेरूत की बात कर सकते हो, लेकिन बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की बात क्यों नहीं कर सकते? क्योंकि आपको इनका वोट बैंक नहीं दिखता है। वोट बैंक की राजनीति करने वाले सपा, कांग्रेस, बसपा, माकपा, आप जितने भी दल हैं ये अस्तित्वहीन स्थित में भारत की राजनीति में हैं। इसलिए केवल आरोपों के माध्यम से यह चर्चा में रहना चाहते हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। वहां पर जेल में बंद हिंदू धर्मगुरु एवं इस्कॉन के प्रमुख चेहरे चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के वकील रमन रॉय पर जानलेवा हमला किया गया है। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से ये जानकारी दी थी।

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के खिलाफ भारत समेत दुनियाभर के हिंदू समाज के लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस अत्याचार के खिलाफ लगातार रैलियां की जा रही हैं। नई दिल्ली में सोमवार को पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने यूएन और देश की केंद्र सरकार से इस पर कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके साथ ही दुनियाभर के इस्कॉन में चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में कीर्तन का आयोजन किया गया था।

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