पंजाब भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर 24 जुलाई को गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम से संबंधित सम्मन के जवाब में सोमवार को अकाल तख्त के समक्ष पेश हुए।
पंजाब सरकार द्वारा श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम में नृत्य प्रस्तुति भी की गई।
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज के निर्देशों के बाद, ज़फर और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को तख्त के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया गया था। बैंस 6 अगस्त को पाँच प्रमुख सिख धर्मगुरुओं के समक्ष पेश होने के बाद तनखा (धार्मिक दंड) भुगत चुके थे। शुरुआती सुनवाई के दौरान विदेश में मौजूद ज़फर ने 14 अगस्त को स्वदेश लौटने के बाद अकाल तख्त को आठ पन्नों का जवाब दाखिल किया।
तख्त के समक्ष उपस्थित होने पर जफर ने घोषणा की कि वह सिख महापुरोहितों द्वारा घोषित किसी भी प्रकार के तन्खाह को स्वीकार करने को तैयार हैं।