February 21, 2025
Entertainment

निर्देशक प्रेम कुमार ने बताया, विजय सेतुपति-तृषा कृष्णन स्टारर ’96’ का बॉलीवुड कनेक्शन

Director Prem Kumar reveals the Bollywood connection of Vijay Sethupathi-Trisha Krishnan starrer ’96’

निर्देशक प्रेम कुमार स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसडब्ल्यूए) के भारतीय स्क्रीनराइटर्स कॉन्फ्रेंस (आईएससी) के सातवें संस्करण में शामिल हुए, जिसमें उन्होंने बताया कि अभिनेता विजय सेतुपति और तृषा कृष्णन स्टारर सुपरहिट तमिल फिल्म ’96’ मूल रूप से हिंदी सिनेमा के लिए लिखी गई थी।

साल 2018 में रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म ’96’ 1996 बैच के पूर्व छात्रों के बाईस साल बाद मिलने यानी रीयूनियन पर आधारित है, जिसमें तृषा कृष्णन के साथ विजय सेतुपति अहम भूमिका में हैं।
फिल्म समीक्षक सुचिन मेहरोत्रा के साथ बातचीत में कुमार ने बताया, “’96’ मूल रूप से हिंदी सिनेमा के लिए लिखी गई थी और मैं चाहता था कि अभिनेता अभिषेक बच्चन यह फिल्म करें, लेकिन मेरे पास उस वक्त संपर्क नहीं था!”

उन्होंने कहा, “मेरे पिता उत्तर भारत के हैं, इसलिए मैं बचपन में हिंदी सिनेमा देखता रहता था। मेरी हिंदी बहुत अच्छी है। मेरे पसंदीदा अभिनेता नसीरुद्दीन शाह थे। मैंने अब हिंदी के लिए एक स्क्रिप्ट लिखी है। हिंदी सिनेमा में मेरी दिलचस्पी का मुख्य कारण दर्शकों की विविधता है।”

पिछले साल रिलीज प्रशंसित ड्रामा ‘मैयाझागन’ के निर्देशक कुमार ‘द साउथ सागा – रूटेड, रिलेवेंट एंड रिवोल्यूशनरी’ नाम के एक सीजन में अपनी राय रखते नजर आए। उनके साथ फिल्म निर्माता क्रिस्टो टॉमी, हेमंत एम राव और विवेक अथरेया भी शामिल हुए।महिला प्रधान फिल्म ‘उलोझुक्कू’ के निर्देशक क्रिस्टो टॉमी हैं और निर्माता रॉनी स्क्रूवाला, हनी त्रेहान और अभिषेक चौबे ने किया है।
क्रिस्टो ने बताया कि महिला प्रधान फिल्म बनाने के लिए उन्हें आठ साल तक संघर्ष करना पड़ा।

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अगर मैंने केरल के निर्माताओं के साथ मिलकर यह फिल्म बनाई होती तो मुझे इतना बजट मिलता। केरल में जब आप किसी महिला स्टार के साथ कोई प्रोजेक्ट बनाने की कोशिश करते हैं, तो मुश्किलें आती हैं। मैं ऐसा करने से बचता हूं क्योंकि उनके लिए स्टार का मतलब केवल पुरुष प्रधान होता है। हालांकि, इंडस्ट्री के अन्य पहलुओं जैसे निर्देशन या लेखन में कई महिला कलाकार हैं और माहौल बेहतर हो रहा है।”

हेमंत एम राव ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में लेखकों की स्थिति पर अपने विचार रखे।उन्होंने कहा, “मुंबई में लेखकों के साथ जिस तरह से व्यवहार किया जाता है, दक्षिण भी उसी तरह से व्यवहार करने की कोशिश कर रहा है। कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में हमारे पास अपनी स्क्रिप्ट को रजिस्टर्ड कराने के लिए कोई सुविधा नहीं है। इसके लिए कोई संस्था नहीं है।”

अथरेया ने भी राव का समर्थन किया और कहा कि कैसे बहुत सारे लेखक अब निर्देशक बन चुके हैं क्योंकि उन्हें उनका सही श्रेय और काम के लिए सही पैसे भी नहीं मिलते हैं।
फिल्म निर्माता ने कहा, “यह किसी भी तरह से सही नहीं है, लेकिन ऐसा ही होता है और इसलिए वे निर्देशन में आ जाते हैं, भले ही उनमें निर्देशन की रुचि न हो।”

Leave feedback about this

  • Service