केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सोनीपत के राजीव गांधी एजुकेशन सिटी राई स्थित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी) के प्रथम दीक्षांत समारोह में हरियाणा आए। उन्होंने वताया कि वे दिल्ली से वाया रोड पहुंचे हैं और उन्हें कुंडली के पास नेशनल हाईवे (44) के हालत देखकर निराशा हुई। लोगों को इससे दिक्कत होती होगी, लेकिन निर्माण में देरी किसान आंदोलन के कारण हुई है। इसलिए वह उनकी तरफ से माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली से चंडीगढ़ तक के एनएच-44 को लेकर 14 जून को उच्च स्तरीय बैठक बुलवाई है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी राई स्थित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी) के विद्यार्थियों से बात करते हुए उन्होंने वाहनों में एथेनॉल के प्रयोग के फायदों पर भी अपने विचार सांझा किए और भविष्य में एथेनॉल से संबंधित सरकार के प्लान को भी स्पष्ट किया।
हम 100 फीसदी बायो एथेनॉल पर चलने वाली गाड़ी लाने के लिए प्रयासरत हैं- नितिन गडकरी
उन्होंने कहा कि एथेनॉल भविष्य का ईंधन है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण का मुख्य आधार है, बल्कि यह काफी सस्ता भी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्रीन हाइड्रोजन आवश्यकता बन चुकी है और वह खुद इसी गाड़ी का प्रयोग करते हैं। वह 100 फीसदी बायो एथेनॉल पर चलने वाली गाड़ी लाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एथेनॉल अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का प्रयास रहेगा।
एथेनॉल के प्रयोग को बढ़ावा देने से होगा देश का फायदा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एथेनॉल के प्रयोग को बढ़ावा देना उनकी पहली प्राथमिकता है। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसके लिए फसल अवशेष (पराली) का प्रयोग किया जा सकता है। पराली को जलाकर प्रदूषण फैलाने के बजाय इसे उन औद्योगिक इकाइयों को बेचना चाहिए जो इससे बायो एथेनॉल बनाती हैं। गडकरी ने कहा कि फूड, फर्टिलाइजर और फ्यूल ही आज के दौर की प्रमुख समस्याएं हैं, जिनकी तरफ संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था घूम रही है। नए विचारों के साथ इस दिशा में देश को मजबूत करने का प्रयास किया जाना चाहिए, जिसके लिए वह स्वयं आगे बढ़ रहे हैं। एथेनॉल के प्रयोग को बढ़ावा देने से देश को आर्थिक एवं वातावरण दोनों ओर से फाटदा होगा।
28 हजार करोड़ रुपये की लागत से 40 नदियों को शुद्ध करने के प्रयास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह यमुना की गंदगी को दूर करने के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 28 हजार करोड़ रुपये की लागत से 40 नदियों को शुद्ध करने के प्रयास किए गए हैं। सोनीपत से दिल्ली, मथुरा, आगरा, इटावा, प्रयागराज तथा इसके आगे भी नदी के सफर को सुगम बनाने की योजना है। इस दिशा में 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। यमुना में प्लेन उतारने की योजना है, जहां से कहीं का भी सफर किया जा सकेगा। एयरपोर्ट की तर्ज पर सी-पोर्ट व रिवर-पोर्ट बनाए जाएंगे।
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