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पार्टी बदलने वालों के रिश्तेदारों को टिकट दिए जाने से भाजपा में नाराजगी

Displeasure in BJP due to tickets being given to relatives of those who changed party.

भाजपा में पार्टी की ‘एक परिवार, एक टिकट’ नीति में बदलाव करके पार्टी बदलने वालों के परिवार के सदस्यों को टिकट आवंटित करने के ‘दोहरे मानदंड’ के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है।

भगवा पार्टी का ‘दोहरा मापदंड’ राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट, भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे को नहीं मिला टिकट केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती को अटेली से टिकट, केंद्रीय मंत्री केपी गुर्जर के बेटे देविंदर चौधरी को नहीं मिला टिकट भाजपा समर्थित राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की मां शक्ति रानी शर्मा को टिकट; सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल को टिकट नहीं

पार्टी ने राजनीतिक परिवारों से वंशवाद के लोगों को टिकट न देने की अपनी पुरानी स्थापित नीति से अलग हटते हुए उम्मीदवारों के चयन में पार्टी के ‘दोहरे मानदंडों’ पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने द ट्रिब्यून से कहा, “जहां कुछ पार्टी में शामिल होने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को पार्टी टिकट से पुरस्कृत किया गया है, वहीं अन्य पार्टी नेता जो अपने करीबी रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे थे, उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है।” उन्होंने प्रतिबद्ध पार्टी नेताओं की अनदेखी की चिंताजनक प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की।

कांग्रेस की वंशवादी राजनीति की मुखर आलोचक रही भाजपा ने हाल ही में यू-टर्न लेते हुए ‘एक परिवार, एक टिकट’ के नियम में ढील देने का फैसला किया है। 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी द्वारा घोषित टिकटों में भाजपा ने हाल ही में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से मैदान में उतारा है।

इसी तरह शक्ति रानी शर्मा को कालका विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं। विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा को 2022 में भाजपा के समर्थन से राज्यसभा सदस्य चुना गया। किरण चौधरी और शक्ति रानी शर्मा दोनों ही हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं।

वर्ष 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में टिकट न मिलने के कारण, जाहिर तौर पर ‘एक परिवार, एक टिकट’ के मानदंड के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को इस बार अटेली विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है।

पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से फिर से टिकट दिया गया है। हालांकि, फरीदाबाद (एनआईटी) से अपने बेटे देविंदर चौधरी के लिए मैदान में उतरे केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को टिकट नहीं दिया गया है। भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे को भी टिकट नहीं दिया गया है।

दरअसल हिसार सीट से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल की दावेदारी भी भाजपा ने खारिज कर दी है। सावित्री जिंदल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी हैं।

हालांकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने दावा किया कि पार्टी टिकट आवंटन के लिए जीतने की क्षमता ही एकमात्र मानदंड है।

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