भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के कुछ सदस्यों की नियुक्ति पर नाराजगी सामने आ रही है। सोलन और शिमला जिलों में हुई नियुक्तियों को लेकर सवाल किया जा रहा है। सोलन और शिमला जिलों के भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुखर हो चुके हैं। कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर संसदीय क्षेत्रों में शिमला के अनुपात में कम पदाधिकारियों की नियुक्तियों से असंतोष की स्थिति है।
सोलन जिले के दून में छह साल तक निष्कासित रहे भाजपा के एक नेता को अचानक प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाने पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। पार्टी के कुछ नेताओं ने इस नियुक्ति का सार्वजनिक मंच पर विरोध शुरू कर दिया है। वहीं शिमला में एक विवादित संगठन से जुड़े व्यक्ति को सदस्य बनाने का विरोध किया जा रहा है।
इस संबंध में एक पूर्व पार्षद ने सोशल मीडिया पर विरोध जताया है। उधर कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर संसदीय क्षेत्रों में शिमला लोकसभा सीट के अनुपात में कम प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों की नियुक्ति से भी कुछ जगहों पर असंतोष की स्थिति है। हालांकि इस विषय पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। अन्य प्रादेशिक नेता इस विषय पर बात करने से अभी बच रहे हैं।
संगठन में 277 पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है। बिंदल के नेृतत्व वाले पार्टी संगठन में 42 पदाधिकारी, 28 वरिष्ठ आमंत्रित सदस्य, 77 प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, 35 आमंत्रित सदस्य, 7 मोर्चों के अध्यक्ष, 74 मंडल अध्यक्ष आदि के रूप में 277 लोग हैं। जो पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप के वक्त में करीब 350 थे। ऐसे में अभी कई नेता इस आस में हैं कि अभी और नियुक्तियां हो सकती हैं।
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