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बिजली सब्सिडी वापस लिए जाने से गगरेट के उद्योगपतियों में नाराजगी

Dissatisfaction among Gagret industrialists due to withdrawal of electricity subsidy

गगरेट उपमंडलीय उद्योगपति संघ ने कल एक बैठक आयोजित कर औद्योगिक इकाइयों को बिजली खपत पर सब्सिडी समाप्त करने के राज्य सरकार के निर्णय के प्रभावों पर चर्चा की।

एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने मीडिया को बताया कि इस फैसले से यहां की औद्योगिक इकाइयों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो पहले से ही मुश्किल स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में बिजली की दरें दो बार बढ़ चुकी हैं और अब सरकार ने सब्सिडी खत्म कर दी है। शर्मा ने कहा कि ऊना जिले की सीमा के पास बिलासपुर के ग्वालथाई औद्योगिक क्षेत्र में एक प्रमुख इस्पात उद्योग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण परिचालन बंद कर दिया है, जिससे 2,000 लोग बेरोजगार हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि और सब्सिडी समाप्त करने से कई परिणाम होंगे, जिनमें उत्पादन लागत में वृद्धि और श्रमिकों की छंटनी शामिल है, इसके अलावा इससे यहां औद्योगिक बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचेगा।

एसोसिएशन के महासचिव सुरेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया था कि हिमाचल प्रदेश में प्रति यूनिट बिजली की दर पड़ोसी राज्यों की तुलना में एक रुपया कम है, लेकिन सच्चाई यह है कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में बिजली की दर हिमाचल से कम है। उन्होंने कहा कि नए उद्यमी या औद्योगिक घराने राज्य में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए अनिच्छुक हैं और बढ़ी हुई बिजली दरें उनके लिए एक और बाधा होंगी।

सुरेश शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन के सदस्यों ने हाल ही में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की और उन्हें उद्योगपतियों की चिंताओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मांग की है कि औद्योगिक इकाइयों को बिजली सब्सिडी जारी रहनी चाहिए, ऐसा न होने पर उद्योगपतियों को अपनी इकाइयां राज्य से बाहर ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

इस अवसर पर गगरेट उद्योगपति संघ के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

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