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धान उठान में देरी से नाराजगी, मिलों ने शुरू किया काम

Dissatisfaction over delay in paddy lifting, mills started work

धीमी गति से धान की खरीद और स्थानीय अनाज मंडियों से उठान में देरी के कारण क्षेत्र के किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। किसानों ने लंबे इंतजार और खरीद प्रक्रिया में कठिनाइयों पर निराशा व्यक्त की है।

किसान नीरज ने बताया, “नमी और अन्य मुद्दों के बहाने किसानों को परेशान किया जा रहा है।” धान की धीमी उठान के कारण अनाज मंडियों में जगह की कमी की समस्या भी शुरू हो गई है। खरीद एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि उठान कार्य सुचारू होने तक जगह की कमी बनी रहेगी। अधिकारी ने कहा, “चावल मिलों की सक्रिय भागीदारी के बाद खरीद सुचारू रूप से चलेगी और किसानों को पर्याप्त जगह मिलेगी।”

नमी के मानकों में 2-3% की ढील मैं पिछले तीन दिनों से अपनी धान की फसल की खरीद का इंतजार कर रहा हूं, लेकिन मुझे बताया गया है कि 18 से 19% नमी होने के कारण मेरी फसल की खरीद नहीं हो पाएगी। एजेंसियों को नमी के मानकों में 2-3% की ढील देनी चाहिए। -कृष्ण लाल, किसान

एक सकारात्मक घटनाक्रम में, चावल मिल मालिकों ने 2024-25 के लिए कस्टम-मिल्ड राइस (सीएमआर) कार्यक्रम के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है, कुछ मिल मालिक पहले से ही धान स्वीकार कर रहे हैं, जिससे कुछ अनाज मंडियों में उठाव शुरू हो गया है।

करनाल के डीसी उत्तम सिंह ने आश्वासन दिया कि मंडियों में धान की खरीद और उठान में तेजी लाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “एजेंसियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं और प्रशासनिक अधिकारी स्थिति की समीक्षा करने के लिए मंडियों का दौरा करेंगे।”

9 अक्टूबर तक अलग-अलग अनाज मंडियों में कुल 23 लाख क्विंटल धान की आवक हो चुकी थी, जिसमें से 8.4 लाख क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। हालांकि, अभी तक खरीदे गए धान का सिर्फ 21 फीसदी ही उठान हो पाया है। खरीद का प्रबंधन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन जैसी एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है।

डीसी ने बताया कि अब तक 125 चावल मिलर्स ने खरीद के लिए पंजीकरण कराया है, जबकि लक्ष्य 270 का है और पंजीकरण प्रक्रिया कुछ ही दिनों में पूरी होने की उम्मीद है। करनाल राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरभ गुप्ता ने कहा, “सरकार के आश्वासन के बाद हमने सीएमआर के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है।”

कैथल में डीसी विवेक भारती ने बताया कि खरीद एजेंसियों ने 9 अक्टूबर तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 1,80,750 मीट्रिक टन धान की खरीद की है। इसमें से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 1,01,989 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 28,597 मीट्रिक टन तथा हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा 50,949 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

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