महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण अभियान के अंतर्गत आज एसएफडीए हॉल नाहन में जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नाहन विधायक अजय सोलंकी मौजूद थे। शिविर में करीब 300 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोलंकी ने शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए उचित पोषण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए इनका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों और माताओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। सोलंकी ने कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ अभियान चलाने के लिए सभी संबंधित विभागों से सहयोगात्मक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने पोषण के बारे में सही जानकारी प्रसारित करने के लिए स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोग पोषण कार्यक्रमों के बारे में जागरूक हों तथा उनसे लाभान्वित हों।
उन्होंने बताया कि कुपोषण और एनीमिया बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा हो सकता है, इसलिए इन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों का मिलकर काम करना जरूरी है।
सोलंकी ने विभागों से अनाथ और परित्यक्त बच्चों और युवाओं के हितों पर ध्यान देने का आग्रह किया और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम के दौरान बेटी है अनमोल योजना के तहत 15 लड़कियों को 21,000 रुपये की सावधि जमा राशि देकर सम्मानित किया गया।
समारोह से पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा ने मुख्य अतिथि को शॉल व मफलर भेंट किया तथा विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी। शर्मा ने मुख्य आंकड़े पेश करते हुए बताया कि विधवाओं की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 73 लाभार्थियों को कुल 37.23 लाख रुपए मिले हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत बीपीएल परिवारों के 165 लाभार्थियों को 51.15 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत 466 माताओं और 712 बच्चों के पालन-पोषण के लिए 25.56 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।
विधवा पुनर्विवाह योजना से नौ महिलाओं को लाभ मिला, जिनमें से चार महिलाओं को 65,000 रुपये तथा पांच अन्य महिलाओं को 2 लाख रुपये दिए गए। इसके अलावा, आठ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद के लिए महिला स्वरोजगार योजना के तहत 40,000 रुपये प्रदान किए गए। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।