चेन्नई, 6 अक्टूबर । तमिलनाडु में माकपा के साथ गठबंधन में शामिल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी केरल से निर्दलीय विधायक पीवी अनवर को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करेगी, जो वाम दलों के समर्थन से जीते हैं।
अनवर ने हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ आरोप लगाए थे। इस पर उन्हें तत्काल माकपा संसदीय दल से निष्कासित कर दिया गया था। इसके वे सदस्य थे।
अलग-थलग पड़े विधायक शनिवार को चेन्नई में थे और उन्होंने मंत्री सेंथिल बालाजी सहित डीएमके के कुछ नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि अनवर डीएमके में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले उन्होंने घोषणा की थी कि वह एक नया राजनीतिक दल बनाएंगे।
केरल की डीएमके इकाई ने भी शीर्ष नेतृत्व को अनवर को पार्टी में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था।
डीएमके नेता और पार्टी प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने मीडियाकर्मियों को बताया कि, पार्टी अनवर को शामिल नहीं करेगी, क्योंकि उन्हें सीपीआई-एम संसदीय दल से निष्कासित कर दिया गया है।
एलंगोवन ने यह भी कहा कि अनवर नियमित रूप से माकपा नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की आलोचना करते रहे हैं।
यह पीवी अनवर के लिए एक बड़ा झटका होगा, जो डीएमके में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन डीएमके के राजनीतिक रुख ने उनके कदम में बाधा डाल दी है।
हालांकि अनवर ने बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी से भी मुलाकात की है, जो पश्चिमी तमिलनाडु में डीएमके के ताकतवर नेता हैं और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेहद करीबी हैं। देखना होगा कि बालाजी स्टालिन पर अनवर की डीएमके में एंट्री के लिए दबाव बनाते हैं या नहीं।
डीएमके सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि, पार्टी अनवर को शामिल नहीं करेगी, क्योंकि डीएमके का माकपा नेतृत्व के साथ बहुत अच्छा तालमेल है।
चेन्नई में राजनीति विज्ञान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता के.आर. रामानंदन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “डीएमके अनवर जैसे व्यक्ति को कभी भी अपने दल में शामिल नहीं करेगी। अनवर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की तीखी आलोचना करते रहे हैं।”