रांची, 5 सितंबर । झारखंड सहित कई राज्यों में आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के विस्तार के प्लान पर काम कर रहे मास्टरमाइंड डॉक्टर इश्तियाक अहमद ने ‘रांची रैडिकल ग्रुप’ (आरआरजी) नामक मॉड्यूल खड़ा किया था। इसमें जिन लोगों को भर्ती किया जा रहा था, उन्हें फिदायीन यानी आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग के लिए तैयार किया जा रहा था।
इसके लिए रांची के पास एक सुदूर पहाड़ी-जंगली इलाके में कैंप बनाया गया था। दिल्ली स्पेशल सेल की टीम डॉक्टर इश्तियाक और उसके चार अन्य साथियों को लेकर रांची पहुंची है। टीम ने दो दिनों में कई जगहों पर तलाशी ली है। टीम ने उस जंगल और पहाड़ की भी खाक छानी है, जहां एक्यूआईएस में भर्ती किए गए लोगों के लिए ट्रेनिंग कैंप बनाया गया था।
बतौर रेडियोलॉजिस्ट काम करने वाला डॉ. इश्तियाक रांची और हजारीबाग के कई हॉस्पिटल और क्लिनिक में सेवा देता था। एक्यूआईएस के ‘रांची रैडिकल ग्रुप’ से उसने जिन लोगों को जोड़ा था, उनके ब्रेनवॉश के लिए वह उन्हें कई तरह के लिटरेचर और तकरीरें उपलब्ध कराता था। उसने चार लोगों को ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भेजा था। वहां से लौटने के बाद उन्हीं की निगरानी में रांची में ट्रेनिंग कैंप चलाने की तैयारी थी।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने रांची से डॉ. इश्तियाक, हजारीबाग से मो. फैजान के अलावा राजस्थान से इनामुल अंसारी, शाहबाज अंसारी, मोतिउर्ररहमान और अल्ताफ अंसारी को 22 अगस्त को गिरफ्तार किया था। सभी लोग झारखंड के ही रहने वाले हैं।
स्पेशल सेल ने इन्हें रिमांड पर लिया है और इसी दौरान उन्हें रांची लाकर उनकी निशानदेही पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। टीम रांची के चान्हो में एक मदरसे में भी पहुंची और आसपास के लोगों से पूछताछ की।