कांगड़ा जिला निजी अस्पताल चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. नरेश वर्मानी ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजनाओं के तहत लंबित भुगतान तुरंत जारी करने का आग्रह किया।
डॉ. वर्मानी ने निजी अस्पतालों को 15 महीने से ज़्यादा समय तक भुगतान में देरी करने के लिए सरकार की आलोचना की और इसे अवैधानिक रूप से धन रोकना बताया। उन्होंने कहा, “राज्य में निजी अस्पतालों पर HIMCARE और आयुष्मान भारत से संबंधित 356 करोड़ रुपये से ज़्यादा की देनदारियाँ बकाया हैं।”
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि छोटे और मध्यम आकार के अस्पताल ढहने के कगार पर हैं। कई अस्पतालों को वेतन देने और अन्य वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद, सरकार पिछले एक साल में निजी अस्पतालों को भुगतान करने में विफल रही है।
उन्होंने बढ़े हुए बिल के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बार-बार सरकारी दावों के बावजूद कोई सबूत नहीं दिया गया। उन्होंने सवाल किया, “अगर धोखाधड़ी का संदेह था, तो पिछले साल 31 अगस्त तक HIMCARE योजना क्यों जारी रखी गई? इसे 2023 में बंद क्यों नहीं किया गया?” उन्होंने जोर देकर कहा कि अस्पतालों को उनके उचित बकाए से वंचित करना अस्वीकार्य है।
डॉ. वर्मानी ने सरकार को कोविड-19 महामारी के दौरान निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान की याद दिलाई, जब निर्बाध चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की गईं, जबकि अधिकांश सरकारी अस्पताल लगभग बंद थे।
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