नई दिल्ली, 19 अगस्त । कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले के बाद से ही देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। डॉक्टरों की मांग है कि उनकी सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाए।
डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को नई दिल्ली के निर्माण भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एम्स और दिल्ली के अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने निर्माण भवन में स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने सड़क पर मुफ्त ओपीडी सेवा दी।
डॉक्टर हितेश शर्मा ने कहा, “इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी कुछ बोल नहीं रहे हैं और जब तक सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू नहीं किया जाएगा, तब तक हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा।”
डॉक्टर ईशिता अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता रेप पीड़िता को इंसाफ मिले और सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाए, जिससे हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, मगर हम यही चाहते हैं कि कोलकाता मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच हो।”
वहीं, प्रदर्शन कर रहीं अन्य डॉक्टर ने कहा, “हमारी मांग है कि पीड़िता के परिवार को इंसाफ मिले और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाए। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।”
डॉक्टरों के प्रदर्शन को देखते हुए निर्माण भवन के बाहर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। मौके पर भारी पुलिस बल की तैनात की गई।
ज्ञात हो कि, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। अस्पतालों में ओपीडी बंद होने से व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। हालांकि, डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाएं बंद नहीं की हैं।