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क्‍या विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है: बृजमोहन अग्रवाल

Does the opposition want to win the elections with the help of fake voters: Brijmohan Agarwal

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि “ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए और नारा नहीं, नीति चाहिए।” प्रधानमंत्री के इसी बयान को आधार बनाते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पीएम मोदी के बयान का समर्थन किया है।

उन्‍होंने विपक्ष के एसआईआर के विरोध पर पलटवार करते हुए कहा कि क्‍या विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है?

भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में प्रधानमंत्री के संदेश का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर सार्थक चर्चा से बच रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछला पूरा एक महीने का सत्र एसआईआर को लेकर बर्बाद कर दिया गया, जबकि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई और उसके बाद आए विधानसभा चुनाव नतीजों ने विपक्ष को स्पष्ट संदेश दे दिया है।

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से नीति और मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया है, लेकिन विपक्ष को यह स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग हर 20 वर्षों में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण करता है और इसी प्रक्रिया के तहत एसआईआर किया जा रहा है। जब यह संवैधानिक प्रक्रिया है तो विपक्ष को दिक्कत क्यों? क्या विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है?

उन्होंने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि सदन चर्चा और समाधान का स्थान है, न कि राजनीतिक ड्रामा का। उनके अनुसार विपक्ष जनता के हितों के बजाय अपने राजनीतिक हितों की चिंता में सदन की प्रक्रिया को बाधित कर रहा है, जिससे समाज और जनता दोनों का नुकसान हो रहा है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि एसआईआर पर चर्चा कोई ड्रामा नहीं है, अग्रवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग द्वारा कराई जाने वाली प्रक्रिया है, जो एक पूर्णतः संवैधानिक संस्था है और इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। ऐसे मुद्दे पर चर्चा की मांग करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लगता है वहां के नेता नियमों और कानून की साख बनाए रखने में विश्वास नहीं करते।

अग्रवाल ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष को भी संवैधानिक प्रक्रियाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक दायरे में रहकर काम करना चाहिए।

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