N1Live National अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी दोनों का दोहरा चरित्र : उदित राज
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अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी दोनों का दोहरा चरित्र : उदित राज

Double character of both Arvind Kejriwal and CM Atishi: Udit Raj

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर । दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में विधायक निधि में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि विधायक निधि को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है। इस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदित राज ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विधायक निधि में बढ़ोतरी अच्छी बात है लेकिन इसका उपयोग सही होना चाहिए।

उदित राज ने कहा कि फंड एलोकेशन अच्छी बात है लेकिन इसका उपयोग सही होना चाहिए। पहले एमपी एलएडी 5 करोड़ रुपये का होता था, दिल्ली में तो पहले से ही 10 करोड़ रुपये था, अब इसे बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये किया जा रहा है लेकिन इसका सही जगह पर इस्तेमाल होना चाहिए, ऐसा नहीं लगना चाहिए कि ये अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए किया जा रहा है। वहां उपयोग होनी चाहिए, जहां इसकी जरूरत है।

उन्होंने कहा, “जब मैं वहां था, तो मैंने एमपी एलएडी फंड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया। मुझसे पहले के सांसदों ने फंड का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने उसका भी इस्तेमाल किया, इसलिए मेरा सबसे ज्यादा था। लेकिन मैंने कभी भेदभाव नहीं किया। हमने इसके साथ बहुत कुछ किया।”

दिल्ली सरकार के पास पैसे खत्म होने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब मोदी सरकार आई थी, तब कर्ज करीब 55 लाख करोड़ था, आज कर्ज बढ़कर 200 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। उन्होंने तीन गुना ज्यादा कर्ज ले लिया है। लेकिन दिल्ली सरकार पैसा कहां ले गई। उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि दिल्ली के बजट में बहुत ज्यादा लीकेज है। हमने देखा है कि कई साल से सड़कें खोदी जा रही हैं। सीवर खोदकर वैसे ही छोड़ दिए गए हैं। उन्हें ढका भी नहीं गया है। यही स्थिति जल बोर्ड में भी देखने को मिलती है। बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार है। पूरे देश की व्यवस्था में वित्तीय प्रबंधन करना बहुत जरूरी है।”

सीएम आतिशी से बंगला खाली करवाने के बाद उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सड़क पर बैठकर सरकार चलाएंगे। आतिशी के इस बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा कि केजरीवाल और सीएम आतिशी दोनों इमोशनल पॉलिटिक्स करते हैं। अरविंद केजरीवाल को चाभी अधिकारियों को देनी चाहिए थी और फिर आतिशी को चाभी ले लेनी चाहिए थी। यह तकनीकी मामला है। अब जब आतिशी से चाभी ले ली गई है तो उन्हें इमोशनल होने का मौका भी मिल गया है। एक डाल-डाल की बात कर रहे हैं तो दूसरे पत्ते-पत्ते की बात कर रहे हैं, विकास की कोई बात नहीं है। सत्ता में आने से पहले उन्होंने कहा था कि सफाई कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा, 500 स्कूल खोले जाएंगे, 20 डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। वो सब कहां है? इन लोगों का दोहरा चरित्र है।

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