डॉ. जतिंदर पॉल सिंह गिल ने गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने डॉ. इंद्रजीत सिंह का स्थान लिया।
डॉ. जेपीएस गिल एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और प्रख्यात शोधकर्ता हैं, जिनके पास पशु चिकित्सा विज्ञान, अनुसंधान और शैक्षणिक प्रशासन में 34 वर्षों से अधिक का असाधारण अनुभव है।
उनके व्यापक करियर में 16 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव शामिल है, जिसमें अनुसंधान निदेशक और अनुसंधान समन्वयक के रूप में नेतृत्वकारी भूमिकाओं में 9 वर्ष, तथा कई अन्य अतिरिक्त प्रशासनिक जिम्मेदारियां शामिल हैं।
उन्होंने 4 साल तक स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड ज़ूनोसेस के निदेशक और 2 साल तक विभागाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। डॉ. गिल ने कनाडा के सस्केचवान विश्वविद्यालय के वेस्टर्न कॉलेज ऑफ़ वेटरनरी मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है।
डॉ. गिल की विशेषज्ञता और मार्गदर्शन ने शोध पहल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने 140 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध परियोजनाओं से वर्सिटी के लिए 150 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तपोषण सफलतापूर्वक हासिल किया है।
उनके नेतृत्व में 48 राष्ट्रीय और 12 अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग हुआ है, जिनमें कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी, थाईलैंड, ब्राजील आदि देश शामिल हैं। डॉ. गिल ने 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध परियोजनाओं का प्रबंधन और वित्तपोषण प्राप्त किया है।
डॉ. गिल राज्य में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप विकसित करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय समिति के सदस्य थे; पंजाब में कृषि के विविधीकरण पर विशेषज्ञ समिति के सदस्य; पंजाब के प्रजनन प्राधिकरण; और पंजाब में कृषि विविधीकरण में पशुधन उत्पादन की भूमिका पर पंजाब राज्य किसान नीति के लिए सहकर्मी समीक्षा समिति के सदस्य थे।
डॉ. गिल संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विशेषज्ञ सदस्य हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर वे जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण सहित कई समितियों के विशेषज्ञ सदस्य भी रहे।
डॉ. गिल को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थाओं से अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार, सम्मान और सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय के संकाय और कर्मचारियों को उनकी पूर्ण क्षमता का दोहन करने के लिए हर तरह से सहायता प्रदान करेंगे।
उन्होंने संबंधित विभागों से रचनात्मक और बहुमूल्य सहयोग की भी इच्छा व्यक्त की। बैठक में निवर्तमान कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने उन्हें बधाई दी और भविष्य के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय का संकाय सबसे अधिक सक्रिय है और पशुधन क्षेत्र की बेहतरी के लिए हमेशा अग्रणी रहता है।