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डीआरडीओ ने पोखरण में चौथी पीढ़ी की शॉर्ट रेंज हवाई रक्षा मिसाइल का किया परीक्षण

DRDO tests fourth generation short range air defense missile in Pokhran

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर । भारत ने तकनीकी रूप से उन्नत शॉर्ट रेंज हवाई रक्षा प्रणाली की तीन उड़ानों का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा गुरुवार और शुक्रवार को राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में उड़ानों के परीक्षण किए गए।

परीक्षण तेज गति से आ रहे लक्ष्यों के विरुद्ध किए गए, जिसमें अधिकतम सीमा और अधिकतम ऊंचाई पर इंटरसेप्शन के बेहद महत्वपूर्ण मापदंडों को हासिल किया गया।

इन विकास परीक्षणों में विभिन्न परिस्थितियों में लक्ष्य को भेदने और मार गिराने की हथियार प्रणाली की क्षमता प्रदर्शित की गई। इसमें अपनी ओर आ रहे लक्ष्य, दूर जा रहे लक्ष्य और ऊपर से क्रॉस कर रहे लक्ष्य को भेदना शामिल था।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इस प्रणाली के मिसाइलों का विकास पूरा हो चुका है और दो उत्पादन एजेंसियों के साथ विकास सह उत्पादन भागीदारी (डीसीपीपी) का करार किया गया है। इन परीक्षणों में, डीसीपीपी के माध्यम से बनाई गई मिसाइलों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप कम समय में प्रारंभिक यूजर परीक्षणों और उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।”

इस वायु रक्षा प्रणाली को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसे रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और डीसीपीपी के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। तीनों सेनाएं शुरू से ही इस परियोजना से जुड़ी हुई हैं और विकासात्मक परीक्षणों में शामिल रही हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल विकास परीक्षणों में शामिल डीआरडीओ, सशस्त्र बलों को बधाई दी है।

उन्होंने कहा, “आधुनिक तकनीकों से लैस यह नई मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी।”

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