गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) आगामी गर्मी के मौसम में नगर निगम के माध्यम से महानगर के निवासियों को पेयजल की आपूर्ति 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) तक बढ़ाएगा।
जीएमडीए के मुख्य अभियंता राजेश बंसल ने बताया कि चंदू-बुढेरा जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) में चौथी जल निस्पंदन इकाई का निर्माण कार्य अगले 6-7 सप्ताह में पूरा हो जाएगा।
इस अतिरिक्त इकाई से शहर की जलापूर्ति में 100 एमएलडी की वृद्धि होगी। 300 एमएलडी की कुल क्षमता वाली तीन इकाइयां पहले से ही काम कर रही हैं। चौथी इकाई के चालू होने से जल उपचार की कुल क्षमता बढ़कर 400 मिलियन लीटर प्रतिदिन हो जाएगी।
पहले, नया 100 एमएलडी संयंत्र जून 2024 में पूरा होने वाला था, लेकिन समय सीमा दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी गई थी। अब इसे फिर से अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। बंसल ने कहा कि चौथी इकाई, जिसकी अनुमानित लागत 70 करोड़ रुपये है, शहर में पेयजल की बढ़ती मांग को काफी हद तक पूरा करेगी तथा मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करेगी।
बंसल ने कहा कि जीएमडीए नव विकसित क्षेत्रों की पानी की मांग को पूरा करने में अधिक बेहतर स्थिति में होगा। इस गर्मी में शहर की कुल जलापूर्ति 570 एमएलडी थी। हालांकि, मांग 700 एमएलडी तक पहुंच गई, जिससे शहर के कई इलाकों में कई समस्याएं और कमी पैदा हो गई।
वर्तमान में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण चंदू-बुढेरा से 300 एमएलडी और बसई जल शोधन संयंत्र से 270 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति करता है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) ने हाल ही में बसई जल शोधन संयंत्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 66 केवी बिजली सब-स्टेशन स्थापित किया है ताकि यह पूरी क्षमता से चल सके।
इसके अलावा, एमसीजी 100 एमएलडी की कुल क्षमता वाले 600 बोरवेल भी चलाता है। जीएमडीए और बोरवेल से खरीदे गए पानी की आपूर्ति के बाद भी, गर्मियों के चरम मौसम में यह मांग से कम हो जाता है।
गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण ने बसई संयंत्र में जल उपचार क्षमता को 100 एमएलडी तक बढ़ाने की भी योजना बनाई है, जिससे पेयजल की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। शहर की जल मांग 2026 तक 970 एमएलडी तक पहुंचने का अनुमान है, इसलिए बसई और चंदू-बुढेरा जल उपचार संयंत्रों का विस्तार आवश्यक हो जाता है।
चैनल की क्षमता बढ़ाने की योजना हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने महानगर में पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण (ईपीसी) मॉडल पर 69.585 किलोमीटर लंबे गुरुग्राम जल आपूर्ति चैनल का पुनर्निर्माण करने की योजना बनाई है। इससे यमुना से बसई जल उपचार संयंत्र तक अधिक पानी लाने के लिए इस चैनल की क्षमता बढ़ जाएगी। हालांकि, इस परियोजना को पूरा होने में 3 से 4 साल लगने की संभावना है।