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‘ड्रग तस्कर’ कोबरा दो महीने और पुलिस के साथ रहेगा

'Drug smuggler' Cobra will remain with police for two more months

नूरपुर, 13 जून उच्च न्यायालय के एक कार्यरत न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली राज्य सलाहकार बोर्ड ने कल नूरपुर पुलिस जिले के अंतर्गत फतेहपुर उपमंडल के गोलवान गांव निवासी कथित ड्रग तस्कर नीरज कुमार उर्फ ​​कोबरा के खिलाफ दो महीने की अतिरिक्त हिरासत की पुष्टि की।

इस वर्ष मार्च में राज्य के गृह सचिव द्वारा उसके विरुद्ध हिरासत आदेश जारी किए जाने के बाद से संदिग्ध को वर्तमान में 3 महीने की हिरासत का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार, गृह सचिव-सह-निरोध प्राधिकरण, शिमला ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ (पीआईटीएनडीपीएस) अधिनियम, 1988 में अवैध तस्करी की रोकथाम की धारा 3 (1) के तहत हिरासत आदेश जारी किया।

आदेश के तहत, पुलिस बार-बार अपराध करने वाले अपराधियों को तीन महीने की हिरासत में रख सकती है, जिसे आगे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

प्राधिकारी अपराधियों द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के माध्यम से अर्जित की गई संपत्ति भी जब्त कर सकते हैं। राज्य भर में यह इस तरह का दूसरा मामला है।

इससे पहले नूरपुर जिला पुलिस ने एक अन्य अपराधी पुनीत महाजन को राज्य सलाहकार बोर्ड से छह महीने की हिरासत में रखने का आदेश प्राप्त किया था। उसकी पहचान ड्रग से जुड़े एक मामले में हुई है। नूरपुर के एसपी अशोक रतन ने द ट्रिब्यून को बताया कि कथित तस्कर कोबरा को पिछले साल 26 अक्टूबर को अटाहरा में 50.46 ग्राम हेरोइन (चिट्टा) के साथ और पिछले साल 19 अप्रैल को 38.40 ग्राम चिट्टा के साथ गिरफ्तार किया गया था।

23 मार्च 2021 को पुलिस ने उन्हें 112.89 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया था। रतन ने कहा कि संदिग्ध के खिलाफ नजरबंदी आदेश प्राप्त करने का प्रस्ताव पिछले साल 18 नवंबर को गृह सचिव को सौंपा गया था, जिन्होंने संदिग्ध के खिलाफ तीन महीने की नजरबंदी आदेश की पुष्टि की थी।

मामला सलाहकार बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के बाद, बोर्ड ने कथित अपराधी के लिए दो महीने की अतिरिक्त हिरासत की पुष्टि की।

ट्रिब्यून द्वारा एकत्रित जानकारी से पता चला है कि राज्य भर के सभी पुलिस अधीक्षकों को मादक पदार्थ तस्करी के मामलों में बार-बार अपराध करने वालों के प्रस्ताव राज्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय सलाहकार समिति को प्रस्तुत करने का अधिकार दिया गया है।

नूरपुर पहला पुलिस जिला है जिसने दो प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं तथा कथित रूप से बार-बार मादक पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध अपेक्षित निरोध आदेश प्राप्त किए हैं।

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