भोपाल, 9 जून । मध्य प्रदेश के बैतूल संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार निर्वाचित दुर्गादास उइके को मोदी मंत्रिमंडल का सदस्य बनने का मौका मिला है। शिक्षक से मंत्री तक का सफर तय करने वाले दुर्गादास का राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव वाला रहा है।
दुर्गादास उइके कई भाषाओं की जानकार हैं। बैतूल के सांसद दुर्गादास लगभग 30 साल तक शिक्षक रहे हैं। शिक्षक रहते हुए जहां कर्मचारी जगत की गतिविधियों में सक्रिय रहे, वहीं उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से करीब का जुड़ाव रहा। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने उम्मीदवार बनाया और वह जीत दर्ज करने में सफल रहे।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर उन्हें मौका दिया और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे उतारे। अब उन्हें नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में बतौर राज्य मंत्री शामिल किया गया है। दुर्गादास के सियासी सफर पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि वे शुरुआत से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद में सक्रिय रहे।
शासकीय सेवा में आने के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश शिक्षक संघ की आजीवन सदस्यता ग्रहण की और उसके बाद प्रांतीय सचिव के दायित्व का निर्वहन किया। इसके बाद वे जनजातीय विकास मंच के प्रांतीय संयोजक बने। वर्ष 2018 में बैतूल में विराट हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया, वह इस आयोजन समिति के उपाध्यक्ष बने।
उन्होंने धर्म जागरण विभाग जिला संयोजक की भी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने बैतूल जिले में वनवासी समाज में धर्मांतरण के खिलाफ आंतरिक और बाहरी तौर पर लोगों को संघर्ष के लिए तैयार किया। बैतूल के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री दुर्गादास की अभिरुचि अध्यापन में है और यही कारण है कि वह हिंदी ,मराठी, गोंडी और कोरकू भाषा का अच्छा ज्ञान रखते हैं।
वे अपने पहले संसदीय कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारतीय डाक सेवा आदि विभागों की समितियां में सदस्य रहे हैं।
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